नई दिल्ली:
बॉलीवुड अभिनेता सैफ अली खान कहते हैं कि भारतीय सिनेमा की अपनी अलग पहचान है और बॉलीवुड को पूर्वी प्रतिद्वंद्वी के रूप में हॉलीवुड से प्रतिस्पर्धा रखनी चाहिए।
भारतीय सिनेमा अपने शताब्दी वर्ष में प्रवेश कर चुका है।
अभिनेता सैफ अली खान ने मुम्बई से फोन पर आईएएनएस को बताया, "पूर्व के देशों में हमारी पहचान मूल रूप से हॉलीवुड से अलग है। हमें भारत से इतर मध्य पूर्व के देशों में भी अपनी फिल्मों का प्रदर्शन करने की ओर ध्यान देना चाहिए। मुझे लगता है वहां के लोगों को हमारी फिल्में ज्यादा पसंद आती हैं। यदि हॉलीवुड खुद को 'पश्चिम' का प्रतिनिधि मानता है तो हमें 'पूर्व' का प्रतिनिधि बनकर उन्हें टक्कर देनी चाहिए।"
फिल्म जगत में लगभग 20 सालों के अनुभव और अभिनेत्री शर्मिला टैगोर के बेटे होने के नाते सैफ को अच्छी फिल्मों की बेहतर समझ है। वह अक्सर अंतर्राष्ट्रीय फिल्में देखा करते हैं।
इंग्लैंड में अपनी शिक्षा पूरी करने वाले 47 वर्षीय सैफ का मानना है कि ईरान और इराक जैसे देशों में भी अच्छी फिल्में बनती हैं।
उन्होंने कहा, "मुझे नहीं लगता कि उनकी फिल्मों का बजट हमारी फिल्मों की तरह भारी भरकम होता होगा। हमें सिर्फ अपने विचारों को निखारने और अपनी व्यक्तिगत पहचान बनाने की ओर थोड़ा और ध्यान देने की जरूरत है। हम अच्छा काम कर रहे हैं और धीरे-धीरे उनके बराबर पहुंच रहे हैं।"
सैफ कहते हैं कि भारतीय दर्शकों को खुश करना आसान काम नहीं है। उन्होंने कहा, "हमारे दर्शक सबकुछ स्वीकार कर लेने वाले नहीं हैं, उन्हें खुश करना मुश्किल काम है। हमारे पास फिल्म लेखकों और निर्देशकों की संख्या कम है। लेकिन अब बहुत नई प्रतिभाएं इस क्षेत्र में आ रही हैं और मुझे आशा है कि भारतीय सिनेमा में बेहतर बदलाव देखने को मिलेगा।"
फिलहाल सैफ अपनी आने वाली फिल्म 'गो गोवा गॉन' के सिनेमाघरों में आने का इंतजार कर रहे हैं, जो आगामी 10 मई को प्रदर्शित हो रही है।
भारतीय सिनेमा अपने शताब्दी वर्ष में प्रवेश कर चुका है।
अभिनेता सैफ अली खान ने मुम्बई से फोन पर आईएएनएस को बताया, "पूर्व के देशों में हमारी पहचान मूल रूप से हॉलीवुड से अलग है। हमें भारत से इतर मध्य पूर्व के देशों में भी अपनी फिल्मों का प्रदर्शन करने की ओर ध्यान देना चाहिए। मुझे लगता है वहां के लोगों को हमारी फिल्में ज्यादा पसंद आती हैं। यदि हॉलीवुड खुद को 'पश्चिम' का प्रतिनिधि मानता है तो हमें 'पूर्व' का प्रतिनिधि बनकर उन्हें टक्कर देनी चाहिए।"
फिल्म जगत में लगभग 20 सालों के अनुभव और अभिनेत्री शर्मिला टैगोर के बेटे होने के नाते सैफ को अच्छी फिल्मों की बेहतर समझ है। वह अक्सर अंतर्राष्ट्रीय फिल्में देखा करते हैं।
इंग्लैंड में अपनी शिक्षा पूरी करने वाले 47 वर्षीय सैफ का मानना है कि ईरान और इराक जैसे देशों में भी अच्छी फिल्में बनती हैं।
उन्होंने कहा, "मुझे नहीं लगता कि उनकी फिल्मों का बजट हमारी फिल्मों की तरह भारी भरकम होता होगा। हमें सिर्फ अपने विचारों को निखारने और अपनी व्यक्तिगत पहचान बनाने की ओर थोड़ा और ध्यान देने की जरूरत है। हम अच्छा काम कर रहे हैं और धीरे-धीरे उनके बराबर पहुंच रहे हैं।"
सैफ कहते हैं कि भारतीय दर्शकों को खुश करना आसान काम नहीं है। उन्होंने कहा, "हमारे दर्शक सबकुछ स्वीकार कर लेने वाले नहीं हैं, उन्हें खुश करना मुश्किल काम है। हमारे पास फिल्म लेखकों और निर्देशकों की संख्या कम है। लेकिन अब बहुत नई प्रतिभाएं इस क्षेत्र में आ रही हैं और मुझे आशा है कि भारतीय सिनेमा में बेहतर बदलाव देखने को मिलेगा।"
फिलहाल सैफ अपनी आने वाली फिल्म 'गो गोवा गॉन' के सिनेमाघरों में आने का इंतजार कर रहे हैं, जो आगामी 10 मई को प्रदर्शित हो रही है।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं