बॉलिवुड मे हर साल करीबन 350 फिल्में बनती हैं जिनमें से मुनाफा कम फिल्में ही कमा पाती हैं जिसकी मुख्य वजह है फिल्मों का बढ़ता बजट। पर अब फिल्मों के निर्माण और प्रचार की बढ़ती लागत से निर्माताओं की कमर टूटने लगी है।
शूटिंग के दौरान स्टार्स और उनके स्टाफ के खर्चे और साथ ही दिन ब दिन महंगा होता प्रचार अब निर्माताओं को खटकने लगा है। इस सबके चलते बीते हफ्ते दिग्गज फिल्मकारों ने एक खास बैठक की और फिल्मों के बजट को नियंत्रित करने के लिए कुछ कड़े कदम उठाने के फैसले लिए हैं।
निर्माताओं का मानना है कि प्रचार पर खर्च किया गया बजट फिल्म को कामयाब बनाने में काम नहीं आता। एक बड़े बजट की फिल्म में करीबन 6 से 10 करोड़ सिर्फ प्रिंट और फिल्म के विज्ञापनों पर जाता है। अगर फिल्म किसी सुपरस्टार की हो तो यह बजट करीब 15 करोड़ के आसपास पहुंच जाता है।
दिग्गज फिल्मकारों की बैठक में कुछ ऐसे पहलुओं पर विचार विमर्श हुआ जिनसे फिल्मों के बढ़ते बजट पर लगाम कसी जा सकती है। जैसे बिकाऊ प्रत्रकारिता, प्रचार की अवधि 6 हफ्ते, बाहरी होर्डिंग्स पर रोक, बसों पर विज्ञापनों पर पाबंदी और स्टार्स द्वारा ट्रेनर और स्टाफ का खर्च उठाया जाना शामिल रहे।
फिल्म निर्माता इस बात को समझ चुके हैं कि नियंत्रित बजट रखकर ही फिल्मों पर मुनाफा कमाया जा सकता है और इसलिए ये सारे कदम उठाने ज़रूरी हैं। निर्माताओं की अगली बैठक अब दो महीने बाद होगी।
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