सेंसर बोर्ड के नए मेंबर अशोक पंडित ने कहा कि 'हां मैं नरेंद्र मोदी जी का समर्थक हूं, लेकिन बीजेपी का कार्यकर्ता नहीं हूं। मोदी जी के समर्थक करोड़ों लोग हैं, तभी वह प्रधानमंत्री बने हैं। अगर मैं हूं तो क्या गलत है, लेकिन इससे सेंसर बोर्ड का कोई लेना-देना नहीं है। हमें जो करना है या जो फैसले लेने हैं, वे कानून के मुताबिक लेने हैं।
दरअसल, सेंसर बोर्ड के मास रेसिग्नेशन के बाद अरुण जेटली ने कहा था कि सेंसर बोर्ड की पुरानी टीम में कांग्रेसियों की संख्या थी और अब नई टीम किसी पार्टी से प्रभावित नहीं होगी। सरकार सेंसर बोर्ड से दूर रहेगी।
मगर इस नई टीम की तरफ देखें तो करीब-करीब सभी सदस्य बीजेपी समर्थक हैं। जब हमने अशोक पंडित से पूछा तो उन्होंने कहा कि किसी का समर्थन गलत बात नहीं और आमतौर पर हम उन्हीं के साथ काम करते हैं या अपनी टीम में शामिल करते हैं, जिन्हें हम जानते हैं और जिनके साथ हम कम्फ़र्टेबल होते हैं, लेकिन खुशी की बात यह है कि नई टीम में 90% लोग बॉलीवुड के हैं, जो फिल्म इंडस्ट्री और निर्माताओं की तकलीफ को समझते हैं।
अशोक पंडित ने लीला सैमसन पर अदालत की अवमानना का आरोप भी लगा दिया और कहा कि लीला सैमसन ने अदालत की अवमानना की है। ट्रिब्यूनल में फिल्म एमएसजी के पास होने के बाद उन्होंने इस्तीफा दिया। जाहिर है यह अदालत की अवमानना है। लीला कहती हैं कि सेंसर में भ्रष्टाचार की वजह से इस्तीफ़ा दिया तो उन्हें तभी ऐसा करना चाहिए था। जब राकेश कुमार भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार हुआ था और सेंसर बोर्ड में ये मास रेसिग्नीशन राजनैतिक कारणों से हुआ है। ये सभी लोग बताना चाहते हैं कि कांग्रेस के दौर में सब सही था बीजेपी के समय में आजादी नहीं मिल रही है।
अशोक पंडित के मुताबिक, फिल्म एमएसजी को जल्द से जल्द रिलीज होनी चाहिए, क्योंकि ट्रिब्यूनल ने उसे पास किया है।
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