'सरकार 3' के सेट पर अमिताभ बच्चन और अन्य कलाकार.
नई दिल्ली:
केंद्र सरकार के 500 और हजार रुपए के नोट बंद करने के फैसले के असर से बॉलीवुड भी अछूता नहीं है. कई सितारों को अपनी गुल्लक तोड़नी पड़ी तो कई को अंडे दूध के लिए उधार लेना पड़ रहा है. लेकिन इस फैसले का सबसे ज्यादा असर फिल्म इंडस्ट्री में डेली वेजेस पर काम करने वाले मजदूरों पर पड़ा है. इन्हें मंगलवार शाम को ही मजदूरी मिली थी और अब सरकार के इस फैसले के बाद उन्हें पता नहीं है कि अगली मजदूरी उन्हें कब मिलेगी.
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मिड डे की खबर के अनुसार फिल्म इंडस्ट्री में जूनियर आर्टिस्ट राकेश मुंबई के एक स्लम में अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ रहते हैं. उन्हें मंगलवार शाम को ही सोमवार की मजदूरी के पैसे मिले थे और उसके कुछ घंटों बाद ही 500 और हजार के नोट बंद करने का फैसला आ गया. अखबार से बातचीत में राकेश ने कहा, 'हमें नहीं पता कि इस फैसले से क्या फायदा होगा, हमें सिर्फ इससे फर्क पड़ता है कि आलू, गोभी और भिंडी की कीमत क्या है? अब मुझे नहीं पता कि अगली बार मुझे पैसे कब मिलेंगे.'
इंडस्ट्री के जूनियर आर्टिस्ट इस फैसले से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं जिनके घर का चूल्हा उन्हें रोज मिलने वाली मजदूरी से जलता है. मिड डे से बातचीत में जूनियर आर्टिस्ट असोसिएशन के पप्पू लेखराज ने कहा, 'हमनें सोमवार का पेमेंट मंगलवार शाम को कर दिया था. अब हम हर कलाकार के काम, उसकी शिफ्ट और ओवरटाइम का रिकॉर्ड रख रहे हैं. इनमें से ज्यादातर लोग डेली सोप से कमाई कर लेते हैं लेकिन इस बार निर्माताओं ने स्थिति सामान्य होने के बाद ही पेमेंट करने के निर्देश दिए हैं.'
मिड डे की रिपोर्ट के अनुसार फिल्मों के स्टंटमैन बेहतर स्थिति में हैं जिन्हें एक साथ एनईएफटी या पे-ऑर्डर के माध्यम से पे किया जाता है. इंडस्ट्री में बहुत कम ऐसा होता है जब स्टंट कलाकारों को कैश में पैसे दिए जाते हैं. फिल्मों के प्रोड्यूसर स्टंटमैन असोसिएशन ऑफ मोशन पिक्चर्स को पैसे देते हैं, इसके बाद असोसिएशन कलाकारों के अकाउंट में पैसे डालता है. यहां तक की स्पॉटबॉय और लाइटबॉयज़ को भी कैश पेमेंट नहीं किया जाता है.
फिल्म निर्माता मुकेश भट्ट की फाइल फोटो.
फिल्म निर्माता मुकेश भट्ट का मानना है कि यह फैसला फिल्म इंडस्ट्री की और बेहतरी के लिए है. उन्होंने कहा, '2000 के बाद से बॉलीवुड में ब्लैकमनी का चलन एकदम बंद हो गया है. आज हर किसी को चेक के माध्यम से पे किया जाता है. लेकिन मुझे मेरे साथ काम करने वालों की चिंता है. मेरे सिक्योरिटी गार्ड की जेब में केवल 500 के दो नोट हैं जिनकी अब कोई कीमत नहीं है. इसलिए वह दिनभर परेशान रहा.'
ट्रेड एनालिस्ट अमोद मेहरा ने कहा कि सरकार के फैसले का व्यापक असर बुधवार को सिनेमाघरों में तब देखने को मिला जब बहुत कम लोग फिल्म देखने पहुंचे. उनका मानना है कि इस फैसले का असर आगामी फिल्म 'रॉक ऑन 2' की कलेक्शन पर पड़ सकता है. केवल 10 से 20 प्रतिशत दर्शक फिल्मों के लिए ऑनलाइन टिकट खरीदते हैं. हालांकि एक फिल्म डिस्ट्रीब्यूटर अक्षय राठी का मानना है कि इस फैसले का 'रॉक ऑन 2' पर कम से कम असर पड़ेगा.
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इंडस्ट्री के जूनियर आर्टिस्ट इस फैसले से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं जिनके घर का चूल्हा उन्हें रोज मिलने वाली मजदूरी से जलता है. मिड डे से बातचीत में जूनियर आर्टिस्ट असोसिएशन के पप्पू लेखराज ने कहा, 'हमनें सोमवार का पेमेंट मंगलवार शाम को कर दिया था. अब हम हर कलाकार के काम, उसकी शिफ्ट और ओवरटाइम का रिकॉर्ड रख रहे हैं. इनमें से ज्यादातर लोग डेली सोप से कमाई कर लेते हैं लेकिन इस बार निर्माताओं ने स्थिति सामान्य होने के बाद ही पेमेंट करने के निर्देश दिए हैं.'
मिड डे की रिपोर्ट के अनुसार फिल्मों के स्टंटमैन बेहतर स्थिति में हैं जिन्हें एक साथ एनईएफटी या पे-ऑर्डर के माध्यम से पे किया जाता है. इंडस्ट्री में बहुत कम ऐसा होता है जब स्टंट कलाकारों को कैश में पैसे दिए जाते हैं. फिल्मों के प्रोड्यूसर स्टंटमैन असोसिएशन ऑफ मोशन पिक्चर्स को पैसे देते हैं, इसके बाद असोसिएशन कलाकारों के अकाउंट में पैसे डालता है. यहां तक की स्पॉटबॉय और लाइटबॉयज़ को भी कैश पेमेंट नहीं किया जाता है.
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ट्रेड एनालिस्ट अमोद मेहरा ने कहा कि सरकार के फैसले का व्यापक असर बुधवार को सिनेमाघरों में तब देखने को मिला जब बहुत कम लोग फिल्म देखने पहुंचे. उनका मानना है कि इस फैसले का असर आगामी फिल्म 'रॉक ऑन 2' की कलेक्शन पर पड़ सकता है. केवल 10 से 20 प्रतिशत दर्शक फिल्मों के लिए ऑनलाइन टिकट खरीदते हैं. हालांकि एक फिल्म डिस्ट्रीब्यूटर अक्षय राठी का मानना है कि इस फैसले का 'रॉक ऑन 2' पर कम से कम असर पड़ेगा.
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