बजट के साथ सीएम योगी और अन्य मंत्री
नई दिल्ली:
उत्तर प्रदेश सरकार ने शुक्रवार को विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिये 4 लाख 28 हजार 384 करोड़ 52 लाख रुपये का बजट पेश किया. यह पिछले वित्तीय वर्ष के बजट के सापेक्ष 11.4 प्रतिशत ज्यादा है. यह योगी सरकार का दूसरा बजट है. उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल ने वर्ष 2018-19 का देश के सबसे बड़े राज्य यूपी के बजट को प्रस्तुत किया. इस बजट में कृषि, शिक्षा, रोजगार, ऊर्जा, गौ-रक्षा समेत कई मुद्दों पर जोर देने की कोशिश की गई है. यूपी सरकार के अनुसार यह अभी तक का सबसे बड़ा बजट है. किस क्षेत्र में कितना बजट आवंटित किया गया है. यूपी बजट का मुख्य अंश :
यूपी बजट के मुख्य अंश
- हर घर में बिजली पहुंचाई जा सके, इसके लिए इस बजट में 29883.05 करोड़ का प्रावधान किया गया है. यह पिछले साल की तुलना में 54 फीसदी ज्यादा है.
- निजी आवासों पर ग्रिड संयोजित रूफटॉप सोलर पॉवर प्लांट स्थापना हेतु अनुदान योजना के लिये 25 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है.
- गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन करने वाले सभी वर्गों के परिवारों की पुत्रियों की शादी हेतु मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के लिये 250 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित की गई है.
- प्रधानमंत्री मातृ वन्दना योजना के लिये 291 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था की गई है. पीपीपी मोड पर 170 नेशनल मोबाइल मेडिकल यूनिट का संचालन किये जाने का निर्णय लिया गया है.
- प्रदेश में 770 सचल पशु चिकित्सालय संचालित किये जा रहें हैं, जिससे पशु आरोग्य व नस्ल में सुधार अपेक्षित है. इसके लिये 27 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है. राष्ट्रीय पशु स्वास्थ्य तथा रोग नियंत्रण कार्यक्रम हेतु 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है. कान्हा गौ-शाला एवं बेसहारा पशु आश्रय योजना हेतु बजट में 98 करोड़ 50 लाख रुपये की व्यवस्था की गई है.
- किसानों के उत्थान के लिए सरकार ने प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों के कम्प्यूटरीकरण हेतु 31 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था की है. किसानों को कम ब्याज दर पर फसली ऋण उपलब्ध कराने हेतु सब्सिडी योजना के तहत 200 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है.
- बेसिक, माध्यमिक, उच्च शिक्षा के साथ तकनीकी शिक्षा के लिए 68263.20 करोड़ रुपये का प्रावधान है. इस बार सबसे ज्यादा बजट शिक्षा का रखा गया है.
- नगर विकास और नगरीय रोजगार के लिए 14654.22 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. ग्रामीण विकास के लिए 22110.72 करोड़ रुपये का प्रावधान है, जो पिछले बार की तुलना में 28.8 फीसदी ज्यादा है.
- प्रदेश में सिंचाई की परियोजनाओं, बुंदेलखंड की 8 जरूरी सिंचाई परियोजनाओं, बाढ़ नियंत्रण और जल निकासी की अच्छी व्यवस्था के लिए 10938.19 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित किया गया है, जो पिछली बार की तुलना में 54 फीसदी ज्यादा है.
- चिकित्सा और स्वास्थ्य, परिवार कल्याण, चिकिस्था शिक्षा और आयुष के लिए 21197.58 करोड़ रुपये का प्रावधान है, जो पिछले बार की तुलना में 17.3 फीसदी ज्यादा है.
- राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान, ग्रेटर नोयडा में शैक्षणिक सत्र 2018-19 में एमबीबीएस की 100 सीटों पर पाठ्यक्रम प्रारम्भ किया जायेगा.
- प्रदेश में मेट्रो रेल परियोजनाओं पर 500 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे. कानपुर, मेरठ एवं आगरा में मेट्रो परियोजनाओं के डीपीआर स्वीकृत हो गए हैं. बनारस, इलाहाबाद, झांसी एवं गोरखपुर की मेट्रो परियोजनाओं के डीपीआर को नई मेट्रो रेल नीति के अनुसार संशोधित किया जा रहा है.
- प्रदेश के पांच जनपदों के जिला चिकित्सालयों को अपग्रेड कर मेडिकल कॉलेज के रूप में पूर्ण करने के लिये 500 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है. इसके तहत मेडिकल कॉलेजों के लिए 1751.47 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं. इसमें जिला चिकित्सालयों को मेडिकल कॉलेज के रूप में बदले जाएंगे और 8 नए मेडिकल कॉलेज भी बनाए जाएंगे.
- पंचायती राज के पास कई महत्वपूर्ण अभियान हैं. इसके लिए 17222.55 करोड़ रुपये का प्रावधान है, जो पिछले बार की तुलना में 16 फीसदी ज्यादा है.
- इलाहाबाद कुंभ को यादगार बनाने के लिए सरकार ने इस मद में 1305 करोड़ रुपये की योजनाओं को स्वीकृति दी है. मेले से पहले 14 शहरों को हवाई मार्ग से कुंभ नगरी को जोड़ने का प्रस्ताव है. 100 किमी. की परिधि में आने वाले प्रमुख तीर्थस्थल भी यातायात से जोड़े जाएंगे.
- प्रदेश में सड़कों के निर्माण कार्यों हेतु 11 हजार 343 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था की गई है. मार्गों के नवीनीकरण एवं मरम्मत कार्य के लिए 3324 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था की गई है.
- आम आदमी बीमा योजना हेतु 10 करोड़ रुपये, ’प्रधान मंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना’ हेतु 130 करोड़ 60 लाख रुपये तथा प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के लिये 4 करोड़ 75 लाख रुपये की व्यवस्था की गई है.
- राजकीय मेडिकल कालेज कानपुर, गोरखपुर, आगरा और इलाहाबाद में बर्न यूनिट की स्थापना के लिये 14 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है.
- अंत्येष्टि स्थल के लिए 100 करोड़ रुपये का बजट दिया गया है, जिसमें सभी मत के लोगों के लिए अंत्येष्टि स्थल बनाने का कार्य होगा.
- बजट प्रस्तावों में राजकोषीय घाटा 44 हजार 53 करोड़ 32 लाख रुपये और अंतिम शेष एक हजार 284 करोड़ 23 लाख होना अनुमानित है.