पिछले दस दिनों से कुछ मांगों को लेकर जयपुर के शहीद स्मारक पर धरने पर बैठीं पुलवामा में शहीद तीन जवानों की पत्नियों और उनके परिजनों को आज सुबह धरना स्थल से हटा दिया गया. धरने को भाजपा सांसद किरोड़ी लाल मीणा का समर्थन प्राप्त था. जयपुर पुलिस ने किरोड़ी लाल मीणा को भी हिरासत में ले लिया है. इस पर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. आइए, समझते हैं पूरा मामला...
पुलवामा वीरांगनाओं की तरफ से भाजपा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने सरकार के सामने तीन मांगें रखी हैं. पहली मांग ये है कि एक शहीद के परिवार में कोई बालिग नहीं है, ऐसे में भाई को सरकारी नौकरी दी जाए. दूसरी मांग है कि सड़क और स्कूल का निर्माण शहीद के नाम पर हो. तीसरी मांग है कि तीनों शहीदों की मूर्तियां लगाई जाए.
किरोड़ी लाल मीणा ने 5 मार्च को दावा किया था कि तीनों वीरांगनाओं ने राजस्थान सरकार पर वादे पूरा नहीं करने का आरोप लगाते हुए राज्यपाल कलराज मिश्र से अपनी जीवन लीला समाप्त करने की अनुमति मांगी है.
10 दिनों से अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे तीनों शहीदों के परिवार को आज तड़के तीन बजे धरना स्थल से हटाया गया. वहीं किरोड़ी लाल मीणा को हिरासत में लिया गया है.
मीणा को हिरासत में लिए जाने पर पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौर ने कहा कि राजस्थान में जिस तरह से वीरांगनाओं का अपमान हो रहा है, वह कांग्रेस पार्टी की मानसिकता दिखाती है. कांग्रेस ने हमेशा भारतीय सेना के ऊपर प्रश्न उठाया है.
भाजपा प्रवक्ता राज्यवर्धन सिंह राठौर ने कहा कि पुलवामा की घटना के बाद बड़ी-बड़ी घोषणा की, लेकिन अब वे इससे पीछे हट रहे हैं. सीएम भी उनसे मिलने से पीछे हट रहे हैं. पुलवामा के शहीदों के परिवार जनों पर लाठी चार्ज किया जा रहा है और वीरांगना को रात के तीन बजे उठकर थाना ले जाया गया.
पूरे मामले पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर कहा कि हम सभी की जिम्मेदारी है कि हम शहीदों एवं उनके परिवारों का उच्चतम सम्मान करें. राजस्थान का हर नागरिक शहीदों के सम्मान का अपना कर्तव्य निभाता है, परन्तु भाजपा के कुछ नेता अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए शहीदों की वीरांगनाओं का इस्तेमाल कर उनका अनादर कर रहे हैं.
अशोक गहलोत ने कहा कि शहीद हेमराज मीणा की पत्नी उनकी तीसरी मूर्ति एक चौराहे पर स्थापित करवाना चाहती हैं, जबकि पूर्व में शहीद की दो मूर्तियां राजकीय महाविद्यालय, सांगोद के प्रांगण तथा उनके पैतृक गांव विनोद कलां स्थित पार्क में स्थापित की जा चुकी है. ऐसी मांग अन्य शहीद परिवारों को दृष्टिगत रखते हुए उचित नहीं है.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि शहीद रोहिताश लाम्बा की पत्नी अपने देवर के लिए अनुकम्पा नियुक्ति मांग रही हैं. यदि आज शहीद लाम्बा के भाई को नौकरी दे दी जाती है तो आगे सभी वीरांगनाओं के परिजन अथवा रिश्तेदार उनके एवं उनके बच्चे के हक की नौकरी अन्य परिजन को देने का अनुचित सामाजिक एवं पारिवारिक दबाव डालने लग सकते हैं.
अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थान वीरों की भूमि है, जहां के हजारों सैनिकों ने मातृभूमि के लिए अपना बलिदान दिया है. यहां की जनता एवं सरकार शहीदों का सबसे अधिक सम्मान करती है.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह एवं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को भी सारे मामले से अवगत कराया है. आपको बता दें कि राजस्थान में इसी साल विधानसभा के चुनाव होने हैं. ऐसे में इस तरह के आरोप-प्रत्यारोप अब चलते रहेंगे.