केरल के तिरुवनंतपुरम में बंद की वजह से सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था प्रभावित हुई है
नई दिल्ली:
देशभर की 10 ट्रेड यूनियनों के बुलाए 'भारत बंद' की वजह से केरल पूरी तरह ठप दिखा, तो वहीं कर्नाटक में भी बंद का खासा असर रहा, हालांकि दिल्ली और मुंबई में सार्वजनिक परिवहन और बिजली एवं जलापूर्ति जैसी जरूरी सेवा सामान्य ढंग से चल रही हैं.
भारत बंद से जुड़ी 10 खास बातें...
- ट्रेड यूनियनों के आज भारत बंद के चलते ज्यादातर राज्यों में सरकारी बैंक और कार्यालय बंद हैं. वहीं केरल को छोड़कर अन्य सभी राज्यों में सार्वजनिक परिवहन की स्थिति सामान्य है.
- मुंबई और दिल्ली में बसें सामान्य रूप से चल रही हैं, वहीं बिजली और जलापूर्ति भी प्रभावित नहीं हुई हैं.
- कर्नाटक में कांग्रेस सरकार ट्रेड यूनियनों की हड़ताल का समर्थन कर रही है और यहां स्कूल-कॉलेज भी बंद हैं. राज्य में सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था भी प्रभावित हुई है और सड़कों पर बेहद कम बसें देखी जा रही हैं. वहीं ऑटो और टैक्सियां तो सामान्य ढंग से चल रही हैं, लेकिन आम दिनों से ज्यादा किराया वसूल रही हैं.
- ऑल इंडिया ट्रेड यूनियंस कांग्रेस और सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियंस जैसे संगठनों ने हड़ताल नहीं करने की सरकार की ओर से मंगलवार को की गई अपील ठुकरा दिया था. इन संगठनों का कहना है कि सरकार उनकी मांगों को पूरा करने में नाकाम रही है.
- इनके अलावा रेडियोलॉजिस्टों और सरकारी अस्पतालों की नर्सों ने भी अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा की है. हालांकि उन्होंने कहा है कि आपात सेवाएं प्रभावित नहीं होंगी. वहीं दिल्ली में वेतन को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रही नर्सों को पुलिस ने जबरन बस में बिठाकर हटाया.
- कोल इंडिया के कर्मचारी भी इस हड़ताल में शामिल है. इस पर कोयला और ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि पॉवर प्लांटों के संचालन के लिए पर्याप्त कोयला है. अगर अगले 50 से 60 दिनों में भी खनन नहीं होता तो भी पावर प्लांट इससे प्रभावित नहीं होंगे.
- कोल इंडिया की स्थिति में आया बदलाव मोदी सरकार की प्रमुख सफलता रहा है. कंपनी इस समय इतना अधिक कोयला उत्पादन कर रही है कि पहली बार इसके निर्यात पर भी विचार किया जा रहा है.
- इन संगठनों की आपत्ति बीमा और रक्षा जैसे क्षेत्रों में विदेशी निवेश के नियमों के शिथिल करने को लेकर है. घाटे में चल रहे सार्वजनिक उपक्रमों को बंद करने की योजना का भी श्रमिक संगठन विरोध कर रहे हैं.
- मौजूदा वित्तीय वर्ष में सरकार ने निजीकरण और कुछ कंपनियों को बंद करके करीब 55,907 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य निर्धारित किया है. सरकार की ओर से संचालित 77 कंपनियों को घाटा बढ़कर 26, 700 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है.
- ट्रेड यूनियनों की हड़ताल को खत्म करने के प्रयासों के तहत वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को कहा था कि सरकार अपने कर्मचारियों का पिछले दो साल का बोनस जारी करेगी. इसके साथ अकुशल श्रमिकों के न्यूनतम वेतन में इजाफे की बात भी कही गई है.