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त्रिपुरा के भावी CM बिप्‍लब देब बोले-विरोधियों को साथ लेकर चलेंगे, पार्टी के नहीं सबके मुख्‍यमंत्री बनेंगे

2016 में त्रिपुरा राज्य अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिलने के मात्र दो साल के भीतर ही बिप्लब देव ने राज्य में पिछले 25 साल से चले रहे लेफ्ट के 'किले' को ढहा दिया.

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त्रिपुरा के भावी मुख्‍यमंत्री बिप्‍लब देव की फाइल फोटो
नई दिल्ली:

त्रिपुरा में लाल क़िले को गिराकर त्रिपुरा में बीजेपी की सरकार धूमधाम से आई है. बिप्लब देब मुख्यमंत्री की शपथ 9 मार्च को लेंगे. उससे पहले वो अपने पूरे परिवार के साथ त्रिपुरी देवी के मंदिर गए. NDTV से ख़ास बातचीत में उन्होंने कहा कि सीएम बनने के बाद वो अपने विरोधियों को भी साथ लेकर चलेंगे और वो किसी एक पार्टी के नहीं बल्कि सबके मुख्यमंत्री बनेंगे. 8 मार्च शाम 5 बजे अगरतला में शपथ ग्रहण समारोह होगा. बिप्लब देब भी पहले कह चुके हैं कि वह मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी लेने को तैयार हैं, लेकिन इस बारे में फैसला भाजपा संसदीय बोर्ड को लेना है. त्रिपुरा में शुरुआती पढ़ाई के बाद बिप्लब देब दिल्ली में राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ से जुड़े और 16 साल तक संघ के कार्यकर्ता बने रहे. उन्होंने संघ के दिग्गज नेताओं गोविंद आचार्य और कृष्णगोपाल शर्मा के संरक्षण में ट्रेनिंग भी ली. 2016 में त्रिपुरा राज्य अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिलने के मात्र दो साल के भीतर ही बिप्लब देव ने राज्य में पिछले 25 साल से चले रहे लेफ्ट के 'किले' को ढहा दिया.

  1. बिप्लब कुमार देब का जन्म 25 नवंबर 1969 को त्रिपुरा में गोमती जिले के राजधर नगर गांव में एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था. उनके पिता हराधन देब जनसंघ के स्थानीय नेता थे. 
  2. बिप्लब देब ने त्रिपुरा के उदयपुर कॉलेज से 1999 में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की. इसके बाद वह आगे की पढ़ाई के लिए दिल्ली चले गए.
  3. मीडिया रिपोर्ट के हवाले से खबर है कि शुरुआत में उन्होंने जिम इंस्ट्रक्टर का भी काम किया, लेकिन देब ने इसे खारिज कर दिया और कहा कि वह जिम सिर्फ एक्सरसाइज करने जाते थे.
  4. दिल्ली में वह राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ से जुड़े और 16 साल तक संघ के कार्यकर्ता बने रहे. उन्होंने संघ के दिग्गज नेताओं गोविंद आचार्य और कृष्णगोपाल शर्मा के संरक्षण में ट्रेनिंग ली.
  5. 2014 में बनारस में लोकसभा चुनाव की पीएम मोदी की कैंपेनिंग को मैनेज करने का श्रेय भी बिप्लब देब के नाम जाता है. इसके बाद ही बिप्लब देब त्रिपुरा भेजे गए थे.
  6. नॉर्थ-ईस्ट में पीएम मोदी की खासी दिलचस्पी थी. इसलिए साल 2014 में मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद बिप्लब देब को दिल्ली से त्रिपुरा भेजा गया, ताकि बीजेपी वहां अपनी पैठ जमा सके.
  7. बिप्लब देव को 2016 में सुधींद्र दासगुप्ता की जगह त्रिपुरा बीजेपी का अध्यक्ष बनाया गया. बिप्लब देब की पत्नी नीति स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में अधिकारी हैं. बिप्लब देब के दो बच्चे एक बेटा और एक बेटी है.
  8. त्रिपुरा राज्य अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिलते ही मात्र दो साल के भीतर ही बिप्लब देव ने बीजेपी के लिए राज्य में कायापलट कर दिया और पिछले 25 साल से चले रहे लेफ्ट के 'किले' को ढहा दिया.
  9. गौरतलब है कि पिछले चुनाव में बीजेपी डेढ़ परसेंट वोट शेयर वाली पार्टी थी, उसने इस चुनाव में लगभग तीन चौथाई बहुमत हासिल कर ली है.
  10. त्रिपुरा में भाजपा और इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) गठबंधन को 59 सीटों में से 43 सीटों पर जीत मिली है. भाजपा की झोली में 35 सीटें आईं, जबकि आईपीएफटी 8 सीटों पर कब्जा जमाने में कामयाब रही.

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