त्रिपुरा विधानसभा चुनाव : माणिक सरकार को सत्ता के सिंहासन से हटा पाएगी बीजेपी?
अगरतला:
त्रिपुरा में आज विधानसभा की 60 में से 59 सीटों के लिए मतदान हो रहा है. राज्य में यह पहली बार है कि सत्ता में 25 सालों से काबिज लेफ्ट फ्रंट को बीजेपी से सीधे टक्कर मिल रही हो. आज हो रहा मतदान त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार के लिए निर्णायक साबित होगा जो यदि जीते, तो पाचंवीं बार सत्ता के सिंहासन पर बैठेंगे. इन चुनावों में कुल 307 उम्मीदवार दौड़ में हैं. 3,214 मतदान केंद्रों पर सुबह सात बजे से मतदान जारी है. मतों की गिनती तीन मार्च को होगी.
त्रिपुरा विधानसभा चुनाव से जुड़ी अब तक की खास बातें
- जिस एक सीट पर वोटिंग नहीं हो रही है, वह है, चरीलम विधानसभा सीट. यहां से माकपा के उम्मीदवार रामेंद्र नारायण देब बर्मा की पांच दिन पहले मौत हुई थी. इस कारण इस सीट पर चुनाव 12 मार्च को होगा.
- त्रिपुरा विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राज्य में सुरक्षा बढ़ा दी गयी है. डीजीपी अखिल कुमार शुक्ला ने कहा है कि कोई कानून को अपने हाथ में लेने की कोशिश करता है तो कानून उसके खिलाफ कार्रवाई करेगा. मैं मतदाताओं से अपील करता हूं कि वे बिना भय के अपना मतदान करें.
- राज्य के 32 फीसदी आदिवासी मतदाताओं पर नजर गड़ाए हुए बीजेपी ने वहां की स्थानीय पार्टी आईपीएफटी के साथ गठबंधन किया है. बता दें कि यह पार्टी राज्य के आदिवासियों के लिए अलग से राज्य चाहती है.
- कांग्रेस 59 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. पार्टी ने गोमती जिले के काक्राबोन विधानसभा सीट से किसी भी उम्मीदवार को मैदान में नहीं उतारा है.
- माकपा 57 सीटों पर चुनाव लड़ रही है जबकि अन्य वामपंथी दल आरएसपी, फॉरवर्ड ब्लॉक और भाकपा ने एक-एक सीट पर उम्मीदवारी दर्ज कराई है.
- वहीं कल माकपा ने चुनाव के लिए एक विशेष पर्यवेक्षक की नियुक्ति किए जाने को ‘असामान्य’ बताया. इस पर्यवेक्षक के साथ भाजपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष की बंद कमरे में हुई बैठक को लेकर आपत्ति भी जताई.
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राज्य में चार रैलियों को संबोधित किए जाने के साथ ही भाजपा ने यहां जमकर प्रचार-प्रसार किया है.
- इस प्रचार में भगवा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, अरुण जेटली, नितिन गडकरी और स्मृति ईरानी व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जैसे दिग्गज नेता शामिल हुए.
- हालांकि कांग्रेस की ओर से यहां प्रचार अभियान कुछ हल्का रहा. पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रचार के आखिरी दिन उनाकोटी जिले के कैलाशहर में एक रैली को संबोधित किया.
- पांचवी बार मुख्यमंत्री बनने की दौड़ में शामिल माणिक सरकार ने माकपा के प्रचार अभियान का नेतृत्व करते हुए राज्य में करीब 50 रैलियों को संबोधित किया. सीताराम येचुरी और वृंदा करात जैसे अन्य वामपंथी नेताओं ने भी पार्टी के इस अभियान का समर्थन किया.