210 वर्षों में सबसे कम उम्र के ब्रिटिश प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं ऋषि सुनक, पढ़ें 5 बड़ी बातें

दीवाली के दिन पेनी मॉर्डंट के दौड़ से हटने की घोषणा के बाद ब्रिटेन के पूर्व वित्त मंत्री ऋषि सुनक को कंजरवेटिव पार्टी का निर्विरोध नेता चुन लिया गया. ऋषि सुनक को कंजरवेटिव पार्टी के 357 में से आधे से अधिक सांसदों का समर्थन मिला है. आइए, आपको बताते हैं ऋषि सुनक की सबसे खास बातें-

210 वर्षों में सबसे कम उम्र के ब्रिटिश प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं ऋषि सुनक, पढ़ें 5 बड़ी बातें

ऋषि सुनक ने ऑक्सफॉर्ड विश्वविद्यालय और स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय से शिक्षा हासिल की है. (फाइल फोटो)

दीवाली के दिन पेनी मॉर्डंट के दौड़ से हटने की घोषणा के बाद ब्रिटेन के पूर्व वित्त मंत्री ऋषि सुनक को कंजरवेटिव पार्टी का निर्विरोध नेता चुन लिया गया. ऋषि सुनक को कंजरवेटिव पार्टी के 357 में से आधे से अधिक सांसदों का समर्थन मिला है. आइए, आपको बताते हैं ऋषि सुनक की सबसे खास बातें-

मामले से जुड़ी अहम जानकारियां :

  1. बकिंघम पैलेस में महाराजा चार्ल्स तृतीय से मुलाकात के बाद ऋषि सुनक 210 वर्षों में सबसे कम उम्र के ब्रिटिश प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं . 42 वर्षीय सुनक का जन्म ब्रिटेन के साउथेम्प्टन में एक भारतीय परिवार के यहां हुआ था. 

  2. ऋषि सुनक ने ऑक्सफॉर्ड विश्वविद्यालय और स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय से शिक्षा हासिल की है. उनके दादा-दादी का ताल्लुक पंजाब से था. फार्मेसिस्ट मां और डॉक्टर पिता के बेटे सुनक ने इंग्लैंड के सबसे प्रसिद्ध स्कूलों में से एक ‘विनचेस्टर' से पढ़ाई की है. 

  3. पढ़ाई के बाद ऋषि सुनक ने 'गोल्डमैन सैक्स ग्रुप इंक' में काम किया और बाद में अमेरिका के कैलिफोर्निया में स्थित स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय से एमबीए किया. यहीं उनकी मुलाकात अपनी पत्नी अक्षता मूर्ति से हुई. अक्षता इंफोसिस के सह संस्थापक नारायण मूर्ति की बेटी हैं.  

  4. ऋषि सुनक वर्ष 2015 में यॉर्कशायर के रिचमंड से संसद सदस्य चुने गए थे. वह वित्त मंत्रालय में कनिष्ठ पदों पर रहे और फिर वित्त मंत्री बने. धर्मनिष्ठ हिंदू सुनक ने ‘हाउस ऑफ कॉमन्स' का सदस्य चुने जाने पर भगवद् गीता पर हाथ रखकर शपथ ली थी. 

  5. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री चुने गए ऋषि सुनक ब्रिटेन के पहले अश्वेत प्रधानमंत्री होंगे और प्रधानमंत्री निवास 10 डाउनिंग स्ट्रीट के पहले हिंदू वाशिंदे होंगे. सुनक ने अपने पहले संबोधन कहा है कि वे अपने साथी सांसदों का समर्थन पाने और नेता चुने जाने के बाद खुद को सम्‍मानित महसूस कर रहे हैं. वे इस जिम्‍मेदारी को विनम्रता से स्‍वीकार करते हैं.