राज्य की 200 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के 107 विधायक हैं.
जयपुर:
कांग्रेस विधायक दल की बैठक शाम सात बजे मुख्यमंत्री निवास में होनी थी. लेकिन बैठक से पहले ही गहलोत के वफादार माने जाने वाले विधायक संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल के बंगले पर इकट्ठा होने लगे. यहां से वे रात लगभग साढ़े आठ बजे विधानसभा अध्यक्ष डॉ. जोशी के आवास पहुंचे और आधी रात तक वहीं रहे.
- दरअसल इन विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष सी पी जोशी को अपना इस्तीफा सौंपा है. राज्य विधानसभा में मुख्य सचेतक महेश जोशी ने रविवार देर रात कहा कि ‘‘हमने इस्तीफे दे दिए हैं और आगे क्या करना है इसका फैसला अब विधानसभा अध्यक्ष करेंगे.
- गहलोत के वफादार विधायकों की दो शर्तें हैं. पहली की मुख्यमंत्री का उत्तराधिकारी कोई ऐसा होना चाहिए, जिन्होंने 2020 में राजनीतिक संकट के दौरान सरकार को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, न कि कोई ऐसा जो इसे गिराने के प्रयास में शामिल था.
- दूसरी यह कि वे तब तक कांग्रेस विधायक दल की बैठक नहीं चाहते जब तक कि कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव न हो जाए. जो कि 19 अक्टूबर को है.
- आपदा प्रबंधन एवं राहत मंत्री गोविंद राम मेघवाल ने मीडियाकर्मियों से कहा, ‘‘हम अभी अपना इस्तीफा देकर आए हैं.'' यह पूछे जाने पर कि कितने विधायकों ने इस्तीफा दिया, उन्होंने कहा, ‘‘लगभग 100 विधायकों ने इस्तीफा दिया है.''जोशी के निवास से निकलते हुए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा, ‘‘सब कुछ ठीक है.''
- राजधानी जयपुर में यह सारा घटनाक्रम कांग्रेस के विधायक दल की बैठक में गहलोत का उत्तराधिकारी चुनने की संभावनाओं के बीच हुआ.
- इस स्थिति से मुख्यमंत्री और सचिन पायलट के बीच सत्ता को लेकर संघर्ष गहराने का संकेत मिल रहा है. गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ेंगे, इसलिए उनका उत्तराधिकारी चुने जाने की चर्चा है.
- इससे पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत उस होटल में गए थे, जहां दिल्ली से आए पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे तथा अजय माकन रुके थे. वहां इन नेताओं के बीच लंबी बैठक हुई. पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट भी मुख्यमंत्री निवास पहुंचे कुछ और विधायक भी विधायक दल की प्रस्तावित बैठक में भाग लेने पहुंचे लेकिन यह बैठक अंतत: नहीं हुई.
- इसी बीच, पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे तथा अजय माकन को सोनिया गांधी ने आदेश दिया है कि वह विधायकों से एक-एक करके मिले. उम्मीद है कि ये मुलाकात आज हो सकती है.
- राज्य की 200 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के 107 विधायक हैं. पार्टी को निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन प्राप्त है.
- राजस्थान में ताजा राजनीतिक घटनाक्रम के बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने रविवार रात कहा कि राज्य में मौजूदा राजनीतिक हालात राष्ट्रपति शासन की ओर इशारा कर रहे हैं.
- केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह ने ट्वीट किया, ‘‘बाड़ेबंदी की सरकार ..एक बार फिर बाड़े में जाने को तैयार.'' उल्लेखनीय है कि दो साल पहले राजनीतिक संकट खड़ा होने पर कांग्रेस के विधायक महीने भर से अधिक समय तक विभिन्न होटलों में रहे थे जिसे स्थानीय भाषा में 'बाड़ाबंदी' कहा गया था. (भाषा इनपुट के साथ)