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राहुल गांधी ने कांग्रेस का अध्यक्ष पद छोड़ा, पढ़ें- चार पन्नों के ओपन लेटर की 8 खास बातें

राहुल गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने एक ओपन लेटर भी जारी किया है.

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कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद राहुल गांधी ने एक ओपन लेटर जारी किया है.
नई दिल्ली:

राहुल गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने एक ओपन लेटर भी जारी किया है. इस ओपन लेटर में राहुल गांधी ने लिखा, 'कांग्रेस पार्टी के लिए काम करना मेरे लिए सम्मान की बात थी'. उन्होंने पत्र में 2019 के लोकसभा चुनावों में पार्टी को मिली हार का जिक्र करते हुए लिखा 'अध्यक्ष के नाते हार के लिए मैं जिम्मेदार हूं. इसलिये अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे रहा हूं'. इससे पहले बुधवार को ही राहुल गांधी ने कहा था कि एक महीने पहले ही नए अध्यक्ष का चुनाव हो जाना चाहिए था. राहुल गांधी ने कहा, 'बिना देर किए हुए नए अध्यक्ष का चुनाव जल्द हो. मैं इस प्रक्रिया में कहीं नहीं हूं. मैंने पहले ही अपना इस्तीफा सौंप दिया है और मैं अब पार्टी अध्यक्ष नहीं हूं. सीडब्ल्यूसी को जल्द से जल्द बैठक बुलाकर फैसला करना चाहिए.' आइये आपको बताते हैं कि राहुल गांधी ने अपने ओपन लेटर में क्या-क्या लिखा है. 

राहुल गांधी के पत्र की खास बातें

  1. राहुल गांधी ने ओपन लेटर में लिखा कि 'उस पार्टी का सेवा करना मेरे लिए सम्मान की बात है जिसके मूल्यों और विचारों ने जीवनशक्ति के रूप में हमारे सुन्दर देश की सेवा की है.' 

  2. उन्होंने लिखा कि, 2019 के लोकसभा चुनावों में पार्टी को हार का सामना करना पड़ा. अध्यक्ष के नाते हार के लिए मैं जिम्मेदार हूं. मैंने ‘भविष्य की तरक्की' के लिए यह कदम उठाया है. 

  3. राहुल गांधी ने आगे लिखा कि पार्टी नए अध्यक्ष के चयन के लिए एक समूह गठित करे. साथ ही उन्होंने लिखा कि उनके लिए यह उपयुक्त नहीं है कि वे इस प्रकिया (नए अध्यक्ष की चयन प्रक्रिया) में शामिल हों. 

  4. राहुल ने आगे लिखा, 'मेरी लड़ाई सिर्फ राजनीतिक सत्ता के लिए कभी नहीं रही है. भाजपा के प्रति मेरी कोई घृणा या आक्रोश नहीं है, लेकिन मेरी रग-रग में भारत का विचार है.' उन्होंने आरएसएस पर भी निशाना साधा. 

  5. राहुल गांधी ने अपने पत्र में कहा, 'हमारे देश के संस्थागत ढांचे पर कब्जा करने का आरएसएस का घोषित लक्ष्य पूरा हो चुका है. हमारा लोकतंत्र बुनियादी तौर पर कमजोर हो गया है.' 

  6. उन्होंने कहा, देश और संविधान पर हमले हो रहे हैं. देश का ताना-बाना नष्ट करने की कोशिश हो रही है. चुनावों के लिए संस्थानों की निष्पक्षता जरूरी है. हमारा लोकतंत्र कमज़ोर हो चुका है. 

  7. राहुल गांधी ने आगे लिखा हम एक राजनीतिक दल के ख़िलाफ़ नहीं लड़ रहे थे, एक पूरी राज्य मशीनरी हमारे ख़िलाफ़ थी. भारतीय राज्य को अपनी संस्थाओं को नवजीवन देना होगा. 

  8. राहुल गांधी ने अपने पत्र में पार्टी की कमियों की तरफ इशारा करते हुए लिखा, 'लक्ष्य की प्राप्ति के लिए कांग्रेस पार्टी को खुद को मौलिक रूप से बदलना होगा.' उन्होंने आगे लिखा, भारत कभी भी एक आवाज नहीं रहा है. यह हमेशा आवाजों का एक समूह रहा है. यही भारत माता का सच्चा सार है.


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