प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनिया के उद्यमियों को भारत में निवेश करने का आमंत्रण देते हुए कहा है कि देश में निवेश के अनुकूल माहौल है और भारत की वृद्धि की कहानी में भागीदारी के लिए सबका तहेदिल से स्वागत है. पीएम मोदी ने वैश्विक उद्यमिता सम्मेलन (जीईएस) 2017 को संबोधित करते हुए कहा कि 1,200 से अधिक पुराने पड़ चुके कानूनों को खत्म कर दिया गया है, 21 क्षेत्रों में विदेशी निवेश के लिए 87 नियमों को सरल बनाया गया है और कई सरकारी प्रक्रियाओं को ऑनलाइन किया गया है. पीएम मोदी ने कहा, 'दुनिया भर में अपने उद्यमी दोस्तों से मैं कहना चाहूंगा...आइए और भारत तथा दुनिया के लिए भारत में विनिर्माण कीजिए.'
पीएम मोदी ने वैश्विक उद्यमियों को भारत में निवेश का दिया न्योता
प्रधानमंत्री ने कहा कि वृहत आर्थिक नजरिये से स्थिर निवेश अनुकूल माहौल की जरूरत है और उनकी सरकार राजकोषीय तथा चालू खाते के घाटे के साथ मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने में सफल रही है.
उन्होंने कहा, हमारा विदेशी मुद्रा भंडार 400 अरब डॉलर को पार कर गया है और हम लगातार बड़े पैमाने पर पूंजी प्रवाह आकर्षित कर रहे हैं.
प्रधानमंत्री मोदी ने देश के युवा उद्यमियों से कहा, 'आपमें से हर एक किसी के पास 2022 तक नए भारत के निर्माण में योगदान के लिए कुछ मूल्यवान चीजें हैं. आप बदलाव के वाहक तथा देश के रूपांतरण का जरिया हैं.'
सरकार द्वारा व्यापार को अनुकूल बनाने की दिशा में उठाए गए कदमों का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि उद्यमिता ऋण योजना मुद्रा के तहत 4.28 लाख करोड़ रुपये का कर्ज आवंटित किए गए.
उन्होंने कहा कि सभी गांवों को बिजली पहुंचाने के बाद दिसंबर, 2018 तक सभी घरों में बिजली पहुंचाने के लिए 'सौभाग्य' योजना शुरू की गई है. साथ ही सभी ग्रामीण क्षेत्रों में मार्च 2019 तक उच्च गति का ब्राडबैंड इंटरनेट उपलब्ध कराने के लिए भी कार्यक्रम शुरू किया गया है.
उन्होंने कहा, 'हम राष्ट्रीय गैस ग्रिड के विकास पर काम कर रहे हैं. एक व्यापक राष्ट्रीय एजेंसी नीति पर भी काम जारी है.'
प्रधानमंत्री ने कहा कि जीएसटी (माल एवं सेवा कर) के साथ कराधान प्रणाली में सुधार किया गया है, जबकि दबाव वाले उद्यमों के समाधान के लिए ऋण शोधन तथा दिवाला संहिता पेश किया गया है.
उन्होंने कहा, समानान्तर अर्थव्यवस्था तथा कालाधन से निपटने एवं कर चोरी पर लगाम लगाने के लिए कड़े उपाय किए गए हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि सरकार यह समझती है कि पारदर्शी नीतियों के साथ कानून का शासन समान अवसर उपलब्ध कराता है जो उद्यमियों के फलने-फूलने के लिए आवश्यक है.
उन्होंने कहा कि आधार दुनिया का सबसे बड़ा बायोमेट्रिक आधारित डिजिटल डाटाबेस हो गया है. इसके तहत 1.15 अरब लोगों को लाया गया है और रोजाना 4 करोड़ से अधिक लेन-देन का सत्यापन डिजिटल तरीके से किए जा रहे हैं.