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IND vs AUS : पर्थ वनडे में टीम इंडिया की ऑस्ट्रेलिया से हार के 5 कारण

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बेली-स्मिथ की साझेदारी को जल्‍दी नहीं तोड़ पाना भारत की हार का कारण बना। (फोटो : AFP)
नई दिल्ली:

पांच वनडे मैचों की सीरीज के पहले मैच में ऑस्ट्रेलिया ने टीम इंडिया को पांच विकेट से हरा दिया। इस प्रकार उसने सीरीज में 1-0 की बढ़त हासिल कर ली है। हम आपको इस हार के खास कारण बताने जा रहे हैं:

  1. दो स्पिनर का दांव : रवींद्र जडेजा पर कप्‍तान धोनी का जरूरत से ज्‍यादा भरोसा रहता है। इतना कि उन्‍होंने तेज गेंदबाजों की मुफीद पिच पर भी दो स्पिनर खिलाए, क्‍योंकि वह जडेजा को बाहर नहीं बैठाना चाहते थे। उन्हें लगता है कि जडेजा किसी भी ट्रैक पर विकेट दिला सकते हैं जबकि पर्थ के सपाट विकेट पर यह दांव उल्टा पड़ गया।
  2. ट्रंप कार्ड अश्विन का फेल होना : अश्विन 2015 में विश्व के श्रेष्ठ गेंदबाज रहे, लेकिन लगता है कि ऑस्‍ट्रेलिया के सामने उनका आत्‍मविश्‍वास डगमगा जाता है। याद करें पिछले साल ऑस्‍ट्रेलिया में ही हुए विश्‍वकप को। वहां भी अश्विन पूरे विश्‍वकप में शानदार प्रदर्शन करते रहे, लेकिन ऑस्‍ट्रेलिया के सामने पूरी तरह से सामान्‍य रहे, जबकि बड़े मैचों और कठिन टीम के खिलाफ ही तो किसी खिलाड़ी को अपना सर्वोत्‍तम करना होता है।
  3. खराब फील्डिंग/खराब अंपायरिंग : शानदार शतक लगाकर टीम इंडिया से मैच छीनने वाले जॉर्ज बेली पहली गेंद पर बरिंदर सरां का शिकार हो गए थे। लेग साइड में सरां की गेंद उनके दस्तानों को छूती हुई धोनी के दस्तानों में समा गई, लेकिन अंपायर केटलब्रा ने उन्हें आउट नहीं दिया, जबकि रीप्ले में वे आउट थे। मैच में टीम इंडिया की फील्डिंग भी बेहद औसत दर्जे की रही। टीम ने दो-तीन रनआउट के आसान अवसर गंवाए। इनमें से एक अवसर तो टीम के सबसे भरोसेमंद फील्‍डर माने जाने वाले विराट कोहली ने गंवाया। कम से कम कोहली के स्‍तर पर यह मौका गंवाना तो अखरता है।
  4. शानदार बैटिंग विकेट पर 350 से कम का स्कोर : बैटिंग के लिए बेहद आसान विकेट पर टीम इंडिया ने 309 रन बनाए। यदि 30 से 40 ओवर के बीच स्कोरिंग थोड़ी तेज होती, तो टारगेट 350 या उससे ऊपर तक जा सकता था। वैसे तो रोहित शर्मा की यह पारी बड़ी और देखने लायक थी। वहीं आमतौर पर आप 171 रन नाबाद की पारी खेलने वाले बल्‍लेबाज से शिकायत भी नहीं कर सकते, लेकिन उनकी यह पारी उनके तेवरों और स्‍ट्राइक रेट (104.90) के लिहाज से शानदार नहीं कही जा सकती। उनका स्‍ट्राइक रेट आखिरी ओवर्स में तो ठीक था, लेकिन बीच के ओवरों में उनके मिजाज के अनुरूप नहीं रहा। इसे बहुत संतुलित और मॉडर्न क्रिकेट के हिसाब से बेहतर नहीं कहा जा सकता, क्योंकि उन्होंने इसके लिए 163 गेंदें खेलीं। यही हाल कोहली का भी रहा। उन्होंने 91 रन के लिए 97 गेंदें खेलीं।
  5. तेज गेंदबाज ऑलरांउडर की शिकायत समझ से परे: धोनी इस दौरे से पहले और दौरे में भी तेज गेंदबाज ऑलराउंडर की बात बार-बार कहते रहे हैं। उसकी कमी का जिक्र भी किया जो समझ से परे है, क्‍योंकि उनके पास ऋषि‍ धवन भी हैं। आप किसी खिलाड़ी को खिलाए बिना उसे कैसे खा‍रिज कर सकते हैं। यह धवन के आत्‍मविश्‍वास को तोड़ने वाला है। उनका घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन रहा है, वह ऑलराउंडर के तौर पर ही टीम में हैं, इसलिए उनको नहीं खिलाने का निर्णय समझ से परे है।

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