पाकिस्तान को जारी मदद रोकने के बाद अमेरिका ने चीन की क्षमता पर भी उठाए सवाल, 10 बातें

इसके साथ ही चीन के साथ पाकिस्तान की बढ़ती नजदीकियों पर भी अमेरिका की ओर से तंज कसा गया है.

पाकिस्तान को जारी मदद रोकने के बाद अमेरिका ने चीन की क्षमता पर भी उठाए सवाल, 10 बातें

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ( फाइल फोटो )

नई दिल्ली: अमेरिका ने पाकिस्तान पर अफगान तालिबान और हक्कानी नेटवर्क जैसे आतंकी समूहों को पनाह देने के साथ ही इनके खिलाफ ‘निर्णायक कार्रवाई’ करने में दिलचस्पी नहीं दिखाने का आरोप लगाते हुए उसको दी जाने वाली 1.15 अरब डॉलर से अधिक की सुरक्षा सहायता राशि पर रोक लगा दी है. पाकिस्तान को मिलने वाली सहायता पर रोक अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नए साल पर किए उस ट्वीट के बाद लगाई गई जिसमें उन्होंने (ट्रंप ने) पाकिस्तान पर आरोप लगाया था कि पिछले 15 सालों में 33 अरब डॉलर की सहायता राशि के बदले में उसने अमेरिका को सिर्फ ‘झूठ और छल’ दिया है साथ आतंकवादियों को सुरक्षित पनाह दी है. इसके साथ ही चीन के साथ पाकिस्तान की बढ़ती नजदीकियों पर भी अमेरिका की ओर से तंज कसा गया है.

10 बड़ी बातें

  1.  अमेरिका ने वित्तीय साल 2016 के लिए विदेशी सैन्य अनुदान (एफएमएफ) के तहत पाकिस्तान को दिए जाने वाले 25 करोड़ 50 लाख डॉलर की राशि पर भी रोक लगा दी है. जिसे कांग्रेस ने अनिवार्य बना दिया था. इसके अलावा अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने वित्तीय साल 2017 के लिए पाकिस्तान को दी जाने वाली गठबंधन सहायता निधि (सीएसएफ) 90 करोड़ डॉलर पर भी रोक लगा दी है.

  2. अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हीथर नोर्ट ने पत्रकारों से कहा, 'हम इस बात की पुष्टि करते हैं कि पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा सहायता केवल तब तक के लिए रोक रहे हैं जब तक की पाकिस्तान सरकार अफगान तालिबान और हक्कानी नेटवर्क जैसे समूहों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई नहीं करता. हम उन्हें (समूह) क्षेत्र में अस्थिरता पैदा करने और अमेरिकी कर्मियों को निशाना बनाने वाला मानते हैं. अमेरिका, पाकिस्तान को दी जाने वाली इस तरह की सहायता पर रोक लगा रहा है.'

  3. अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने ये भी कहा कि पाकिस्तान को 1.1 अरब डॉलर से अधिक की सुरक्षा सहायता राशि रोकने के ट्रंप प्रशासन के फैसले का मुंबई आतंकवादी हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के खिलाफ इस्लामाबाद के कोई कदम नहीं उठाने से कोई लेना देना नहीं है.

  4. हीथ नोर्ट ने कहा, ‘‘हमने पाकिस्तान में नजरबंद 2008 मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड को रिहा करने को लेकर निश्चित ही चिंता व्यक्त की है, लेकिन मेरी जानकारी के अनुसार इसका इससे कोई लेना-देना नहीं है.’’

  5. हीथर ने कहा, ‘‘पाकिस्तान में यह काबलियत है कि वह भविष्य में यह राशि वापस हासिल कर ले लेकिन इसके लिए उसे निर्णायक कदम उठाने होंगे.’’

  6. हीथर ने कहा, ‘‘पाकिस्तान में रिहा किए गए मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड की कोई सूचना जो कि उसकी दोबारा गिरफ्तारी का करण बन सके, देने वाले को एक करोड़ डॉलर के पुरस्कार की घोषणा की गई है. हमने उस व्यक्ति को छोड़े जाने पर अपनी नाखुशी बिल्कुल स्पष्ट तरीके से व्यक्त कर दी है और इसलिए हम लोगों को यह याद दिलाना चाहते हैं कि उसे न्याय के दायरे में लाने के लिए एक करोड़ डॉलर का इनाम घोषित है.

  7. पाकिस्तान को सुरक्षा सहायता रोकने से चीन से उसकी करीबियां बढ़ जाएगी जैसे कयासों को कोई तवज्जो नहीं देते हुए अमेरिका ने कहा है कि दोनों देशों के साथ पाकिस्तान के संबंध भिन्न हैं.

  8. वहीं विदेश विभाग के एक अधिकारी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मेरा मानना है कि वे (पाकिस्तान) दोनों देशों के साथ मजबूत संबंध बनाना चाहते हैं. लेकिन यह जरुरी नहीं कि जो अमेरिका से मिलेगा वहीं उन्हें चीन से मिलेगा.’’ 

  9. अधिकारी ने कहा, ‘‘हमारे पास यह क्षमता नहीं है कि हम बैंकों और कंपनियों को पाकिस्तान में 55 अरब डॉलर निवेश करने के निर्देश दें. लेकिन साथ ही चीन के पास भी यह क्षमता नहीं है कि वह दुनिया को सर्वोच्च गुणवत्ता के सैन्य उपकरण मुहैया कराए.’’ अधिकारी इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि अमेरिका के हालिया कदम से  पाकिस्तान की नजदीकियां चीन  के साथ बढ़ेगी.

  10. विदेश विभाग के अधिकारी ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि पाकिस्तान स्पष्ट रूप से हमारे संबंध समझता है और हम अंतरराष्ट्रीय तौर पर क्या सामने रख रहे हैं वह चीन से अलग है. वे चीन और अमेरिका के बीच किसी एक को चुनना नहीं चाहेंगे तथा वह दोनों देशों के साथ मजबूत संबंध चाहते हैं.’’