तिरुवनंतपुरम:
कोल्लम में पुत्तिंगल मंदिर के नजदीक एक अन्य मंदिर के पास विस्फोटक से भरी तीन कारें मिलने से सनसनी फैल गई। समाचार एजेंसी एएनआई ने अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अनंतकृष्णन के हवाले से बताया कि कारों में मिले विस्फोटक पटाखें थे, जो कि हादसे के बाद इस्तेमाल नहीं हो सके।
10 अहम बातें
- केरल के कोल्लम जिले के पुत्तिंगल मंदिर में रविवार सुबह 3 बजे के करीब भीषण आग लग गई। अधिकारियों के मुताबिक, इस भीषण आग के चलते हुए हादसे में 109 लोगों की मौत हो गई, जबकि 400 के करीब लोग घायल हो गए। इस हादसे की जांच का जिम्मा क्राइम ब्रांच को सौंपा गया है। इस मामले में 30 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है, जिसमें मंदिर ट्रस्ट बोर्ड के सदस्य भी शामिल हैं। जिन पांच लोगों ने आतिशबाजी की उन्हें भी हिरासत में ले लिया गया है।
- रविवार को कोल्लम के पास स्थित पुत्तिंगल देवी मंदिर में आग लगने की घटना के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वहां का दौरा किया और हालात का जायजा लिया। उनके साथ 15 बर्न स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की टीम भी गई थी। उन्होंने इस त्रासदी को दुखद और अकल्पनीय करार दिया। पीएम ने केरल की सरकार को हर संभव मदद देने के आश्वासन दिया है। वहीं अभी तक करीब 40 शवों की पहचान नहीं हो सकी है, उन्होंने शवों के डीएनए टेस्ट कराने में मदद की पेशकश भी की है।
- कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भी घटनास्थल का दौरा किया। यह स्थान तिरुवनंतपुरम से 60 किलोमीटर की दूरी पर है। इस हादसे पर पाकिस्तान के पीएम नवाज शरीफ और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने दुख जताया है। (पढ़ें : केरल की घटना से क्या सिंहस्थ में सबक लेंगे हम?)
- अधिकारियों के मुताबिक, जिस समय हादसा हुआ, उस समय ग्राउंड में 10 से 15 हजार लोग मौजूद थे। सभी लोग देवी काली से संबंधित एक त्योहार मनाने के लिए एकत्रित हुए थे। हादसे में मंदिर की छत पूरी तरह से जलकर खाक हो गई। साथ ही मंदिर का एक हिस्सा भी गिर गया है।
- कोल्लम जिले के कलेक्टर ए शानामोबल ने NDTV को बताया कि आतिशबाज़ी को लेकर हो रही होड़ यानी Competitive Fireworks की इजाज़त नहीं थी, बावजूद इसके ऐसा हुआ। पुलिस ने बताया कि यह दुर्घटना गोदाम ‘कंबापुरा’ में चिनगारियां गिर जाने पर हुई। इसके कारण तड़के साढ़े तीन बजे भारी आवाज के साथ भीषण विस्फोट हुआ। विस्फोट की आवाज एक किलोमीटर के दायरे तक सुनी जा सकती थी। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि बिजली आपूर्ति के ठप्प हो जाने के कारण पूरा इलाका अंधेरे में डूब गया और लोग इधर-उधर दौड़ने
- एक हफ्ते तक चलने वाले इस फेस्टिवल को लेकर मुख्यमंत्री ओमन चांडी ने कहा कि मंदिर ने इस तरह की आतिशबाजी की इजाजत नहीं दी थी। यह बैन एक महिला की शिकायत के बाद लगाया गया था, जो कि इस मंदिर के करीब रहती थीं।
- केरल के इस मंदिर को अमीर और रसूखदार लोगों द्वारा चलाया जाता है, जो कि अक्सर स्थानीय नियमों का उल्लंघन करते रहते हैं। हर साल इस मंदिर में आतिशबाजी से जुड़ी प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है और जज इसमें से एक विजेता का चुनाव करता है।
- पुलिस ने मंदिर प्रशासन के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है और न्यायिक जांच के आदेश भी हो गए हैं।
- न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, चांडी ने घोषणा की है कि मृतकों के परिवार को 10-10 लाख रुपए दिए जाएंगे और गंभीर रूप से घायलों को 2-2 लाख रुपए दिए जाएंगे। पीएम मोदी ने हादसे पर दुख व्यक्त करते हुए मरने वाले लोगों के निकटतम संबंधी को दो-दो लाख रुपये और घायलों को पचास 50-50 हजार रुपये का मुआवजा देने का ऐलान किया।
- मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह हादसा सात दिवसीय 'मीना भरणी' उत्सव के अंतिम दिन आतिशबाजी के दौरान हुआ। मंदिर में उत्सव के चलते मध्य रात से ही परिसर में आतिशबाजी की जा रही थी और सैकड़ों लोग इसे देखने के लिए एकत्र हुए थे। कुछ स्थानीय लोगों ने कहा, हम यहां उस समय मौजूद थे। एक रॉकेटनुमा पटाखा ऊपर न जाकर बीच में फट गया और पटाखों से भरे गोदाम पर गिर गया। धमाका इतना जबरदस्त था कि कंक्रीट के टुकड़े काफी दूर तक उड़ते नजर आए।