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कर्नाटक : क्यों अचानक बदल गई एचडी कुमारस्वामी के शपथग्रहण की तारीख, घटनाक्रम से जुड़ीं 15 बड़ी बातें

कर्नाटक में 15 मई को घोषित चुनाव परिणामों में किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने के कारण राजनीतिक अस्थिरता पैदा हो गई थी. भाजपा हालांकि 104 सीटें प्राप्त करके सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी लेकिन वह बहुमत से कुछ दूर रह गई थी.

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23 मई को कुमारस्वामी कर्नाटक के नये मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेंगे
बेंगलुरु:

कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने विश्वास मत का सामना किये बगैर ही शनिवार को इस्तीफा देने की घोषणा कर दी और इस तरह कर्नाटक में तीन दिन पुरानी येदियुरप्पा सरकार गिर गई. इसके बाद जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार एचडी कुमारस्वामी को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया गया है. वह 23 मई को शपथ लेंगे. इससे पहले चेहरे पर हार के भाव के साथ येदियुरप्पा ने एक संक्षिप्त भावनात्मक भाषण के बाद विधानसभा के पटल पर अपने निर्णय की घोषणा की. उन्होंने कहा,‘‘मैं मुख्यमंत्री के रूप में इस्तीफा देने जा रहा हूं। मैं राजभवन जाऊंगा और अपना इस्तीफा सौंप दूंगा.’’ गौरतलब है कि 15 मई को घोषित चुनाव परिणामों में किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने के कारण राजनीतिक अस्थिरता पैदा हो गई थी. भाजपा हालांकि 104 सीटें प्राप्त करके सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी लेकिन वह बहुमत से कुछ दूर रह गई थी. कांग्रेस 78 सीटों पर जीत दर्ज करके दूसरे स्थान पर रही थी जबकि जदएस को 37 सीटों पर जीत मिली थी. इसके बाद कांग्रेस और जदएस ने गठबंधन कर लिया.

कर्नाटक में अब तक क्या, 15 बड़ी बातें

  1. येदियुरप्पा के इस्तीफे के कुछ घंटे बाद जदएस-कांग्रेस-बसपा गठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार एच डी कुमारस्वामी ने राज्यपाल वजुभाई वाला से मुलाकात की और उन्होंने कहा कि उन्हें सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया गया है. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार 21 मई को शपथ ग्रहण करेगी.
  2. इसके बाद उन्होंने कहा कि नयी सरकार अब 21 मई की बजाय 23 मई को शपथ लेगी. उन्होंने तारीख में परिवर्तन का कारण नहीं बताया है.  
  3. वहीं जेडीएस के एक नेता ने कहा कि 21 मई को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पुण्यतिथि होती है इसलिए शपथ ग्रहण की तारीख में परिवर्तन किया गया है. 
  4. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कर्नाटक में तीन दिन पुरानी भाजपा सरकार के नाटकीय घटनाक्रम में गिर जाने को ‘‘ क्षेत्रीय मोर्चे की जीत ’’ बताया. 
  5. तृणमूल कांग्रेस प्रमुख को नामित मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने फोन कर बुधवार को होने वाले शपथ ग्रहण समारोह के लिए आमंत्रित किया है. दरअसल ममता बनर्जी ने 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा का मुकाबला करने के लिए संघीय मोर्चा बनाने का विचार दिया है.
  6. कर्नाटक में तेजी से बदलते राजनीतिक घटनाक्रम में ममता जद एस प्रमुख एच डी देवेगौड़ा, उनके बेटे कुमारस्वामी और अन्य प्रमुख नेताओं के संपर्क में रही हैं. 
  7. शक्ति परीक्षण का सामना किए बगैर येदियुरप्पा के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद तृणमूल प्रमुख ने देवेगौड़ा , कुमारस्वामी और कांग्रेस को बधाई भी दी थी. 
  8. जदएस प्रमुख और पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा के 58 वर्षीय बेटे ने कहा कि राज्यपाल ने उन्हें बहुमत साबित करने के लिए 15 दिन का समय दिया है लेकिन उन्होंने कहा, ‘‘हमें 15 दिनों की जरूरत नहीं है.’’ 
  9. कांग्रेस- जद(एस) गठबंधन ने 224 सदस्यीय विधानसभा में 117 विधायकों के समर्थन का दावा किया है. दो सीटों पर विभिन्न कारणों से मतदान नहीं हुआ था जबकि कुमारस्वामी दो सीटों से चुनाव जीत थे. 
  10. भाजपा द्वारा विधायकों की खरीद-फरोख्त के आरोपों के बीच कांग्रेस अपने विधायकों को बेंगलुरू के बाहर एक रिजार्ट ले गई जबकि जदएस के विधायक राज्य की राजधानी में एक होटल में रहे. 
  11. इसके बाद उन्हें हैदराबाद के एक होटल ले जाया गया और कांग्रेस-जदएस की याचिका पर बहुमत साबित किये जाने संबंधी सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद विधायक वापस लौटे. 
  12. इस बीच कांग्रेस ने एक ऑडियो टेप जारी किया जिसमें मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा एक विधायक को कथित रूप से प्रलोभन देते हुए कहते सुने गये कि यदि वह विश्वास मत के दौरान भाजपा सरकार का समर्थन करते है तो उन्हें मंत्री पद दिया जायेगा. 
  13. इस तरह के आरोप भी लगाये गये कि कांग्रेस विधायक आनंद सिंह को भाजपा ने ‘‘बंधक’’ बना लिया लेकिन वह येदियुरप्पा के अपना भाषण शुरू करने से कुछ मिनट पहले विधानसभा पहुंच गये.
  14. सूत्रों ने बताया कि पार्टी जानती थी कि येदियुरप्‍पा जरूरी संख्‍या नहीं जुटा पाएंगे, और इन परिस्थितियों में वह विश्‍वात मत जीतने के प्रति लगातार निराश हो रही थी और कम से कम नैतिक स्‍तर पर खुद को बचाए रखना चाहती थी.
  15. सूत्रों के मुताबिक येदियुरप्‍पा के पास शनिवार सुबह ही यह संदेश पहुंचा. जब सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि पारदर्शिता सुनिश्चित करने का सबसे अच्‍छा तरीका है लाइव स्‍ट्रीमिंग, तभी विश्‍वास मत से ठीक पहले नाटकीय इस्‍तीफे और भाषण की तैयारी शुरू हो गई थी.
     


(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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