वित्त मंत्री अरुण जेटली (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
देश के सबसे बड़े टैक्स सुधार वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) व्यवस्था के 1 जुलाई, 2017 से लागू होने की राह आसान होती नजर आ रही है. जीएसटी परिषद ने इस व्यवस्था को लागू करने में सहायक राज्य और संघ शासित प्रदेशों से जुड़े विधेयक के प्रारूपों पर गुरुवार को अपनी सहमति की मुहर लगा दी.
- देश के सबसे बड़े टैक्स सुधार वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) व्यवस्था के 1 जुलाई, 2017 से लागू होने की राह आसान होती नजर आ रही है. जीएसटी परिषद ने इस व्यवस्था को लागू करने में सहायक राज्य और संघ शासित प्रदेशों से जुड़े विधेयक के प्रारूपों पर गुरुवार को अपनी सहमति की मुहर लगा दी.
- जीएसटी परिषद ने जीएसटी व्यवस्था में सबसे ऊंची 28 प्रतिशत के ऊपर लगने वाली उपकर की दर को अधिकतम 15 प्रतिशत तय किया है.
- नई व्यवस्था में सबसे ऊंची दर भोग विलासिता के सामान पर लागू होगी. इसे देखते हुए परिषद ने इस दर के ऊपर उपकर लगाने की अधिकतम सीमा तय कर दी.
- वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि नई व्यवस्था में अहितकर वस्तुओं पर वास्तविक उपकर की दर अधिकतम दर से कम ही रह सकती है, क्योंकि परिषद ने इस मामले में ज्यादा गुंजाइश नहीं छोड़ी है. उपकर से मिलने वाली राशि से एक कोष बनाया जाएगा. जीएसटी व्यवस्था लागू होने के पहले पांच साल के दौरान राज्यों को राजस्व में होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए इस कोष का इस्तेमाल किया जाएगा.
- जीएसटी व्यवस्था में उपकर की अधिकतम 15 प्रतिशत दर का इस्तेमाल लग्जरी कारों, एयरेटेड पदार्थों जैसे उत्पादों पर किया जाएगा. पान मसाला उत्पादों पर उपकर की अधिकतम दर मूल्यानुसार 135 प्रतिशत तय की गई है.
- जीएसटी परिषद की गुरुवार को हुई 12वीं बैठक में राज्य जीएसटी (एस-जीएसटी) और संघ शासित प्रदेश जीएसटी (यूटी-जीएसटी) से जुड़े विधेयकों के प्रारूप को मंजूरी दे दी गई. परिषद ने अपनी पिछली बैठक में केंद्रीय जीएसटी (सी-जीएसटी) और एकीकृत जीएसटी (आई-जीएसटी) विधेयकों के प्रारूप को भी मंजूरी दे दी थी.
- जीएसटी परिषद की अगली बैठक 31 मार्च को होगी, जिसमें नियमों को मंजूरी दी जाएगी. इसके बाद विभिन्न वस्तुओं और सामानों को जीएसटी की चार दरों 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत में रखा जाएगा.
- एक अधिकारी ने बताया कि तंबाकू, लग्जरी कारों के अलावा जीएसटी परिषद ने अन्य सामानों पर 15 प्रतिशत उपकर लगाने के विकल्प को खुला रखा है. उपकर पांच साल तक जारी रहेगा और आगे भी इसे जारी रखा जा सकता है.
- परिषद ने किसी भी वस्तु अथवा उत्पाद पर इसे लगाने का विकल्प खुला रखा है. इस बारे में केंद्र और राज्य जब भी फैसला करेंगे यह लागू किया जा सकता है.
- लग्जरी कार की परिभाषा क्या होगी इसके बारे में परिषद बाद में तय करेगी. बहरहाल, दस अथवा इससे अधिक यात्रियों की क्षमता वाले वाहनों को छोड़कर अन्य वाहनों पर 15 प्रतिशत उपकर लगाया जाएगा.