प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली:
भारतीय बैंकों के डेटा से जुड़ी अपनी तरह की सबसे बड़ी सेंधमारी में सरकारी और निजी बैंकों के 32 लाख से ज्यादा डेबिट कार्ड प्रभावित होने की आशंका है. हालांकि सरकार ने लोगों सरकार ने लोगों से कहा है कि वे घबराएं नहीं.
- वित्तमंत्री अरुण जेटली ने बताया कि डेबिट कार्ड की सुरक्षा में सेंध के मामले में सरकार ने रिपोर्ट मांगी, इसके पीछे मकसद नुकसान को रोकना है. जेटली ने यहां संवाददाताओं से कहा, 'डेबिट कार्ड मुद्दे पर रिपोर्ट मांगी है. इसके पीछे विचार नुकसान को थामना है.' (पढ़ें- डेटा सेंधमारी से बचने के लिए अपनाएं ये उपाय)
- वहीं आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने डेबिट कार्ड डाटा में सेंध लगाने के मामले में त्वरित कार्रवाई का वादा किया. उन्होंने यह भी कहा कि 32 लाख से अधिक कार्ड से जुड़े डाटा में सेंध की आशंका से घबराने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकार ने इस मामले में विस्तृत जांच रिपोर्ट मांगी है और रिपोर्ट मिलने के बाद उपयुक्त कार्रवाई की जाएगी. (पढ़ें- चीन और अमेरिका में निकाले गए भारतीयों के पैसे)
- जर्मन सरकार के एक कार्यक्रम के दौरान अलग से बातचीत में दास ने कहा, 'ग्राहकों को घबराना नहीं चाहिए, क्योंकि यह हैकिंग कंप्यूटर के जरिये की गई और इसकी तह तक आसानी से जाया जा सकता है... जो भी कार्रवाई की जरूरत होगी, वह त्वरित की जाएगी.' (पढ़ें- ग्राहकों का क्यों निकले दीवाला)
- देश के बैंकिंग क्षेत्र को प्रभावित करने वाली डाटा सुरक्षा में अपनी तरह की सबसे बड़ी सेंधमारी की घटना से सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के कई बैंकों के 32 लाख से अधिक डेबिट कार्ड प्रभावित होने की आशंका है. डाटा में यह सेंध कुछ एटीएम प्रणालियों में साइबर मालवेयर हमले के रूप में हुई है.
- भारतीय स्टेट बैंक सहित अनेक बैंकों ने बड़ी संख्या में डेबिट कार्ड वापस मंगवाए हैं, जबकि अनेक अन्य बैंकों ने सुरक्षा सेंध से संभवत: प्रभावित एटीएम कार्डों पर रोक लगा दी है और ग्राहकों से कहा है कि वे इनके इस्तेमाल से पहले पिन अनिवार्य रूप से बदलें. (प्राइम टाइम इंट्रो : कितना सुरक्षित है आपका डेबिट कार्ड?)
- अब तक 19 बैंकों ने धोखाधड़ी से पैसे निकालने की सूचना दी है. कुछ बैंकों को यह भी शिकायत मिली है कि कुछ एटीएम कार्ड का चीन व अमेरिका सहित अनेक विदेशों में धोखे से इस्तेमाल किया जा रहा है, जबकि ग्राहक भारत में ही हैं.
- वित्तीय सेवा विभाग में अतिरिक्त सचिव जी सी मुरूमू ने ग्राहकों को शांत करने की कोशिश करते हुए कल कहा था, 'कुल डेबिट कार्ड में से केवल 0.5 प्रतिशत की सुरक्षा में सेंधमारी हुई है जबकि बाकी 99.5 प्रतिशत पूरी तरह सुरक्षित है और बैंक ग्राहकों को चिंता नहीं करनी चाहिए.'
- इस समय देश में लगभग 60 करोड़ डेबिट कार्ड हैं, जिनमें 19 करोड़ तो रूपे कार्ड हैं जबकि बाकी वीजा और मास्टरकार्ड हैं.
- नेशनल पेमेंट्स कारपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) ने कार्ड नेटवर्कों ने सभी प्रभावित बैंकों को आगाह किया है कि कुल मिलाकर 32 लाख कार्ड इस सुरक्षा सेंध से प्रभावित हो सकते हैं. इनमें से छह लाख रूपे कार्ड हैं. एनपीसीआई भारत में सभी तरह की खुदरा भुगतान प्रणालियों का शीर्ष संगठन है.
- एनपीसीआई ने एक बयान में कहा है कि 641 ग्राहकों ने कुल मिलाकर 1.3 करेाड़ रुपये की अवैध या फर्जी तरीके से निकासी की शिकायत की है. (भाषा इनपुट के साथ)