पिछले दिनों बिटकॉइन का शोर हर तरफ दिखा. 2017 में सबसे भारी कमाई जिन माध्यमों से लोगों ने की, उनमें बिटकॉइन भी शामिल हैं. लेकिन भारत सरकार ने साफ कर दिया है कि इस वर्चुअल करेंसी को कोई आधिकारिक मान्यता नहीं है. बिटकॉइन को लेकर वित्त मंत्रालय की तरफ से चेतावनी जारी की गई है और लोगों से सावधान रहने को कहा है. उसका कहना है कि ये फर्जी चिटफंड की तरह है और इसे सरकारी संस्था नहीं चलाती है. इसे चलाने का कोई मान्य तरीका भी नहीं है. लोगों के साथ धोखाधड़ी हो सकती है. वित्त मंत्रालय ने कहा कि इस तरह की करेंसी में निवेश पर पोंजी योजनाओं में निवेश जितना ही जोखिम होता है. इससे निवेशकों विशेषकर खुदरा ग्राहकों को अचानक भारी नुकसान हो सकता है और उनकी मेहनत की गाढ़ी कमाई को झटका लग सकता है.
बिटकॉइन को लेकर वित्त मंत्रालय ने निवेशकों को जारी की चेतावनी
- वित्त मंत्रालय ने कहा कि वर्चुअल करेंसी को डिजिटल रूप में ही कलेक्ट किया जाता है. इसमें हैकिंग, पासवर्ड खो जाने और वायरस के हमले इत्यादि का डर होता है.
- ग्राहकों को चौकन्ना और अत्यधिक सावधान रहने की जरूरत है, ताकि वह इस तरह की पोंजी योजनाओं के जाल में फंसने से बच सकें.
- मंत्रालय ने कहा कि बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी की कीमत पूरी तरह अटकलों पर आधारित परिणाम है और इसलिए इसकी कीमतों में इतना उतार-चढ़ाव है
- उल्लेखनीय है कि बिटकॉइन समेत हाल के दिनों में वर्चुअल करेंसी (क्रिप्टोकरेंसी) के मूल्य में तेजी से वृद्धि हुई है.
- क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल मुद्रा होती है. वास्तविक तौर पर क्रिप्टोकरेंसी का कोई वजूद नहीं होता, यह बस डिजिटल लेनदेन के लिए उपयुक्त होती है.
- मंत्रालय का कहना है कि इस तरह की मुद्रा का कोई वास्तविक मूल्य नहीं है और ना ही इसके पीछे कोई संपत्ति का आधार होता है.
- मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि क्रिप्टोकरेंसी धारकों, इसके उपयोग करने वालों और कारोबारियों को पहले ही भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा तीन बार इसके खतरों के प्रति आगाह किया जा चुका है.
- केंद्रीय बैंक समय-समय पर यह भी सूचित करता है कि इस तरह की मुद्रा के सौदों या संबंधित योजनाओं को चलाने के लिए उसने किसी को लाइसेंस या प्रमाणन नहीं दिया है.
- वित्त राज्यमंत्री पी. राधाकृष्णन ने भी शुक्रवार को लोकसभा में कहा कि आर्थिक मामलों के विभाग ने एक अंतर-विभागीय समिति का गठन किया था जिसने दुनियाभर में बिटकॉइन या क्रिप्टोकरेंसी के मौजूदा नियमन और कानूनी ढांचे का अध्ययन कर इसके नियमन के लिए एक ढांचा खड़ा किए जाने का सुझाव दिया है.
- मंत्री ने लोकसभा को सूचित किया कि समिति ने अपनी रिपोर्ट दे दी है और अभी सरकार इस पर विचार कर रही है. (इनपुट एजेंसी से)