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भारतीयों का यूके आना आसान किया जाएगा : ब्रिटिश पीएम थेरेसा मे का वादा - 10 खास बातें

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नई दिल्ली:

ब्रिटिश प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने अपनी भारत यात्रा के दौरान सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वागत किए जाने के बाद एक टेक शिखर सम्मेलन में शिरकत करते हुए कहा कि इंग्लैंड द्वारा यूरोपीय यूनियन छोड़ देने से पहले भारत और ब्रिटेन के बीच व्यापारिक संबंधों को मजबूती देने के रास्ते तलाश करना बेहद अहम है. इस मौके पर उन्होंने यब घोषणा भी की कि भारतीयों के लिए यूके की यात्रा को अब आसान बनाया जाएगा.

  1. दोपहर के भोजन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता करने जा रहीं थेरेसा मे ने कहा कि भारत से आने वाले व्यापारिक यात्रियों को रजिस्टर्ड ट्रैवलर स्कीन के तहत ब्रिटेन जल्दी क्लियरेंस दिलवाएगा.
  2. उन्होंने कहा कि वह ब्रिटेन को मुक्त व्यापार का वैश्विक प्रतीक बना देना चाहती हैं, और भारत तथा ब्रिटेन के बीच ज़्यादा निवेश तथा कम व्यापारिक गतिरोधों से समृद्धि बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि भारत और यूके के बीच 'खास रिश्ता' है.
  3. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इंग्लैंड हमारे देश का 'अच्छा दोस्त' है, और 'हमें उम्मीद है कि भारत-यूके द्विपक्षीय संबंधों में 'मेक इन इंडिया' एक महत्वपूर्ण पहलू होगा...'
  4. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "यह अहम है कि इतिहास के ज़रिये एक दूसरे से जुड़े रहे भारत और यूके 21वीं सदी की ज्ञान अर्थव्यवस्था के लिए मिलकर काम करें..."
  5. रविवार रात को नई दिल्ली पहुंचीं थेरेसा मे की इस यात्रा का फोकस व्यापारिक उद्देश्यों पर है, और वह इस दौरान मंगलवार को टेक्नोलॉजी हब कहलाने वाले बेंगलुरू शहर भी जाएंगी. उनके साथ लगभग तीन दर्जन व्यापारिक दिग्गजों का प्रतिनिधिमंडल भी भारत आया है.
  6. इसी साल जुलाई में पदभार संभालने के बाद अपनी पहली यात्रा में 60-वर्षीय कन्ज़रवेटिव नेता द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ दोनों देशों के बीच संभावित मुक्त व्यापार समझौते पर चर्चा की जाएगी.
  7. ब्रिटिश प्रधानमंत्री की तीन-दिवसीय यात्रा यूके में हुए ऐतिहासिक जनमत संग्रह के बाद हुई है, जिसमें जनता के 'ब्रेक्ज़िट' का फैसला किया था, यानी यूरोपीय यूनियन से बाहर निकल आने का. थेरेसा मे की यह भारत यात्रा उनकी सरकार के उसी अभियान का हिस्सा है, जिसके तहत वे ईयू से बाहर अन्य देशों से ताल्लुकात को मजबूत करने के लिए कदम उठा रहे हैं.
  8. हालांकि ब्रिटेन ईयू से बाहर निकलने तक (यह वर्ष 2019 में होगा) किसी भी द्विपक्षीय समझौते पर दस्तखत नहीं कर सकता है, लेकिन थेरेसा मे की यात्रा को जल्द से जल्द संबंध मजबूत करने की ब्रिटेन की इच्छा का संकेत माना जा रहा है.
  9. आईटी प्रोफेशनलों का सवाल है कि ब्रिटेन के साथ व्यापार बेहतर कैसे हो सकता है, जब थेरेसा मे की सरकार ने वीसा और इमिग्रेशन के नए कड़े नियमों के तहत भारतीय प्रोफेशनलों के लिए यूके की यात्रा ही मुश्किल कर दी है.
  10. राजनीतिक विश्लेषक तथा लंदन के किंग्स कॉलेज में प्रोफेसर आनंद मेनन ने कहा, "मुझे लगता है, वीसा नियम और कड़े किए जाएंगे... भारत के साथ मुक्त व्यापार मुश्किल होगा, क्योंकि तब भारत निश्चित रूप से वीसा नियमों को उदार किए जाने की मांग करेगा... इमिग्रेशन को लेकर नई नीति की वजह से आने वाले सालों में भारत से व्यापार करना मुश्किल होगा..."

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