राहुल गांधी आज कांग्रेस के अध्यक्ष पद के लिए निर्विरोध चुन लिए गए हैं. राहुल गांधी ने 4 दिसंबर को इस पद के चुनाव में नामांकन किया था. राहुल के पक्ष में 86 लोगों ने प्रस्ताव किया था. उनके अलावा किसी और का नामांकन नहीं था. आज शाम 3 बजे तक नामांकन वापस लेने की समय सीमा तय थी. इसके बाद करीब 3.30 बजे एक प्रेस कांन्फ्रेंस में राहुल गांधी के नाम की घोषणा कर दी गई. राहुल नेहरू-गांधी परिवार के 6वें सदस्य होंगे जो कांग्रेस की कमान संभालेंगे.
राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने से जुड़ी 10 बड़ी बातें
कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव में नामांकन के वापस लेने की समय सीमा आज 3 बजे तक थी. इस चुनाव में राहुल के अलावा किसी और ने नामांकन नहीं किया था. इसके बाद करीब 3.30 बजे राहुल का नाम कांग्रेस अध्यक्ष के पद के लिए चुने जाने की घोषणा कर दी गई. 16 दिसंबर को वह कार्यभार संभाल लेंगे.
राहुल ने कभी सरकार में रहकर काम नहीं किया. कांग्रेस का उपाध्यक्ष बनने से पहले ही उनकी हैसियत कांग्रेस में नंबर दो की रही. हालांकि वह कांग्रेस के नेता हमेशा उन्हें 'सीखने' वाला नेता ही बताते रहे.
2004 में राहुल ने राजनीति में शुरुआत की और अमेठी से लोकसभा चुनाव जीता. साल 2012 में यूपी चुनाव में नेतृत्व किया, सिर्फ 28 सीटें जीतीं. 2013 में कांग्रेस के उपाध्यक्ष बनाए गए. उसी साल दाग़ियों पर आए अध्यादेश को बेकार बताकर पार्टी को शर्मिंदा कर डाला. 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत की लेकिन 44 पर ही कांग्रेस सिमट गई.
साल 2015 में सूट-बूट की सरकार कहकर मोदी सरकार पर निशाना साधा ये बयान काफी चर्चा में रहा. साल 2015 में ही बिहार में महागठबंधन किया और जीत मिली. साल 2017 में 5 में से 4 राज्यों में कांग्रेस हारी, यूपी में सिर्फ़ 7 सीटें मिलीं. 2017 में पंजाब में अकाली-बीजेपी गठबंधन को हराया और वहां कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार बनी.
इसी साल अमेरिका की 'बहुचर्चित यात्रा' से लौटकर आए राहुल गांधी में गजब का बदलाव दिखा. उनके भाषण में गजब की धार दिखाई दी. उन्होंने खुले तौर पर स्वीकारा कि 2014 में कांग्रेस इसलिए हारी क्योंकि पार्टी में अहंकार था.
इसके बाद तो उन्होंने ताबड़तोड़ बयान दिए और 'गब्बर सिंह टैक्स' और 'मोदी मेड डिज़ास्टर' जैसे चुटीले नारे दिये. कांग्रेस भी पहली बार सोशल मीडिया पर बीजेपी को टक्कर देती दिखाई दी. जुलाई 2017 से ट्वीटर पर 20 लाख फॉलोअर बढ़े.
राहुल के सामने अभी गुजरात चुनाव जीतने के अलावा कर्नाटक, मिज़ोरम, मेघालय, पुड्डुचेरी, हिमाचल प्रदेश प्रदेश में सरकार बनाए रखने की भी चुनौती है.
नेहरू-गांधी परिवार के वह 6 वें सदस्य होंगे जो कांग्रेस की कमान संभालेंगे. उनसे पहले मोतीलाल नेहरू, पंडित जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, सोनिया गांधी कांग्रेस के अध्यक्ष बन चुके हैं.
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि राहुल गांधी कांग्रेस के डार्लिंग हैं और वह पार्टी की महान परंपरा को आगे बढ़ाएंगे. पंजाब के सीएम कैप्टन अमिरंदर सिंह ने कहा कि अगर आप मुझसे पूछेंगे तो मैं सोचता हूं कि वह देश के एक अच्छे प्रधानमंत्री बनेंगे.
गुजरात चुनाव के बीच में राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाने के पीछे कांग्रेस का बड़ा दांव माना जा रहा है. विशेषज्ञों का मानना है कि कांग्रेस गुजरात चुनाव जीते या हारे फायदा राहुल गांधी को ही होगा.