रेल मंत्री पीयूष गोयल. (फाइल फोटो)
मुंबई:
मुंबई के दो उप-नगरीय रेलवे स्टेशनों को जोड़ने वाले पुल पर मची भगदड़ में 23 लोगों की मौत के बाद रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि पहले 'यात्रियों के लिए सुविधा' माना जाना वाला पुल अब देश के सभी स्टेशनों के लिए जरूरी होगा. शुक्रवार से ही रेलवे बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ की गई मैराथन बैठकों के बाद रेल मंत्री ने यह घोषणा की है.
बैठक की कुछ मुख्य बातें
- अब पुलों (एफओबी) को यात्री सुविधा की बजाय जरूरी समझा जाएगा. इससे पहले, स्टेशन पर सिर्फ पहले पुल को 'जरूरी' माना जाता था और बाद के पुलों को 'यात्री सुविधा' माना जाता था.
- उच्च-स्तरीय बैठक के बाद रेलवे ने यह भी कहा कि अपने निगरानी तंत्र को मजबूत करने के लिए 15 महीने के भीतर मुंबई की सभी उप-नगरीय ट्रेनों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे.
- उप-नगरीय ट्रेनों में सीसीटीवी कैमरे लगने के बाद पूरे देश की ट्रेनों में ये कैमरे लगाए जाएंगे.
- परियोजनाएं लागू करने में देरी के लिए रेल मंत्री ने रेलवे जोनों के महाप्रबंधकों को और अधिकार देने का फैसला किया है.
- रेल मंत्री ने सुरक्षा के मुद्दों को सुलझाने के लिए एक समयसीमा भी तय की है. महाप्रबंधकों को किसी परियोजना के लिए कोष की मंजूरी के हफ्ते के भीतर वित्तीय आयुक्तों को जानकारी देनी होगी.
- विचारों में भेद की स्थिति में मामला अंतिम निर्णय के लिए रेलवे बोर्ड को भेजा जाएगा. उसे इन्हीं 15 दिनों के भीतर फैसला करना होगा.
- बैठक के दौरान ही गोयल ने ट्वीट किया था, 'समयबद्ध तरीके से मुंबई के सभी उप-नगरीय स्टेशनों में इलेक्ट्रॉनिक निगरानी बेहतर करने के लिए योजना बनाई जाएगी.
- इसके अलावा, बीएमसी, एमएमआरडीए, सिडको जैसी एजेंसियों और राज्य सरकार के साथ लंबित मुद्दों को एक हफ्ते में सुलझाया जाएगा.
- शुक्रवार को हुए हादसे में 22 लोग मारे गए थे और 30 लोग घायल हो गए थे. आज हुए एक मौत से मरने वालों की संख्या बढ़कर 23 हो गई है.
- उधर,हादसे के एक दिन बाद एमएनएस चीफ राज ठाकरे ने सरकार को चेताया है कि यदि लोकल रेलवे का इंफ्रास्ट्रक्चर बेहतर नहीं किया गया तो मुंबई में बुलेट ट्रेन के लिए एक ईंट तक नहीं रखने देंगे.