नई दिल्ली:
लंबे इंतज़ार के बाद नई नागरिक उड्डयन नीति को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है, जिसके तहत न सिर्फ एयरलाइन कंपनियों के लिए विदेशी उड़ान भरने के नियम सरल किए जाएंगे, बल्कि क्षेत्रीय हवाई संपर्क को बेहद मजबूत बनाने के साथ-साथ ज़्यादा लोगों को हवाई यात्रा के लिए प्रोत्साहित किया जा सकेगा।
नई नागरिक उड्डयन नीति के खास पहलू...
- नीति में प्रस्ताव किया गया है कि छोटे कस्बों और शहरों के बीच एक घंटे का समय लेने वाली उड़ानों के लिए अधिकतम किराया सीमा 2,500 रुपये तय कर दी जाए, क्योंकि सरकार की योजना एक ऐसा ईकोसिस्टम तैयार करने की है, जिससे हवाई यात्रा को आर्थिक रूप से सुगम बनाकर हवाई यात्रियों की संख्या बढ़ाई जा सकेगी।
- नीति में प्रस्ताव किया गया है कि एयरलाइन कंपनियों को कुछ लाभ देने की पेशकश के बदले उन्हें देश के छोटे शहरों के बीच उड़ानें भरने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा, ताकि इन शहरों से हवाई संपर्क को बढ़ाया जा सके।
- नई नीति के मुताबिक इन रूटों पर किराये की अधिकतम सीमा तय होने की वजह से एयरलाइन कंपनियों को होने वाले नुकसान का 80 फीसदी हिस्सा केंद्र सरकार देगी।
- सरकार को आशा है कि घरेलू क्षेत्र में वर्ष 2022 तक 30 करोड़ हवाई टिकट प्रतिवर्ष बिकने लगेंगे, और वर्ष 2027 तक यह संख्या 50 करोड़ पार कर जाएगी। अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में यह लक्ष्य वर्ष 2027 तक 20 करोड़ टिकटों का है।
- ड्राफ्ट नीति में क्षेत्रीय कनेक्टिविटी फंड की स्थापना के लिए घरेलू और अंतरराष्ट्रीय टिकटों पर दो फीसदी सेस लगाने का प्रस्ताव किया गया है।
- उड्डयन उद्योग नई नीति में ऐसे प्रावधान की बाट जोहता आ रहा है, जिसके तहत कम से कम 20 हवाईजहाजों के बेड़े वाली नई एयरलाइन कंपनियों को विदेशी उड़ानें भरने की अनुमति दी जाए। मौजूदा नियमों के मुताबिक, फिलहाल कम से कम 20 हवाईजहाजों के बेड़े वाली ऐसी कंपनियों को ही विदेशी उड़ानों की इजाज़त दी जाती है, जो घरेलू क्षेत्र में कम से कम पांच साल से उड़ानें भर रही हों। इस मामले में विस्तृत जानकारी सरकार कुछ ही देर में एक ब्रीफिंग के दौरान देगी।
- इस नियम से एयरएशिया और एयर विस्तारा जैसी नई कंपनियों को फायदा होगा। एयरएशिया ग्रुप के प्रमुख टोनी फर्नांडिस ने ट्वीट किया, "भारत से आने वाली शुरुआती रिपोर्ट शानदार हैं... बेशक 20 विमान बहुत ज़्यादा हैं, लेकिन फिर भी शुक्रिया @narendramodi यह भारतीय उड्डयन के लिए बड़ा दिन है..."
- नई नीति में किए गए अन्य महत्वपूर्ण प्रावधानों में पुरानी हवाई पट्टियों को 'नो-फ्रिल एयरपोर्टों' में तब्दील किया जाना, उड्डयन संबंधी सभी लेन-देन के लिए एकल-खिड़की व्यवस्था किया जाना आदि शामिल हैं। इसके अलावा नई नीति में रियल-टाइम सेफ्टी चेकिंग का भी प्रस्ताव किया गया है।
- नीति को लेकर पिछले 18 महीनों में कई दौर की अंतर-मंत्रालयी चर्चाएं हुई हैं। ड्राफ्ट नीति को अक्टूबर, 2015 में संशोधित किया गया था।
- नई नीति को कैबिनेट की मंजूरी के बाद एयरलाइन कंपनियों जेट एयरवेज़, इंटरग्लोब एविएशन और स्पाइसजेट के शेयरों में पांच फीसदी तक का उछाल दर्ज किया गया है।