Yogini Ekadashi 2024: पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को योगिनी एकादशी कहा जाता है. योगिनी एकादशी का व्रत रखने पर माना जाता है कि भगवान विष्णु (Lord Vishnu) प्रसन्न होते हैं और भक्तों पर अपनी कृपादृष्टि बनाए रखते हैं. इस साल 2 जुलाई, आज मंगलवार के दिन योगिनी एकादशी का व्रत रखा जा रहा है. पंचांग के अनुसार, योगिनी एकादशी की तिथि बीते दिन 1 जुलाई को 10 बजकर 12 मिनट पर शुरू हो गई थी और इस तिथि का समापन आज सुबह 9 बजकर 23 मिनट पर होगा. ऐसे में उदयातिथि के चलते योगिनी एकादशी का व्रत 2 जुलाई के दिन ही रखा जा रहा है. जानिए पूजा के शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में.
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योगिनी एकादशी की पूजा | Yogini Ekadashi Puja
आज योगिनी एकादशी की पूजा शाम 5 बजकर 11 मिनट से रात 8 बजकर 43 मिनट के बीच की जा सकती है. एकादशी पर सुबह उठकर स्नान पश्चात भगवान विष्णु का स्मरण किया जाता है और भक्त व्रत का संकल्प लेते हैं. एकादशी पर पीले रंग के वस्त्र पहनना बेहद शुभ होता है. योगिनी एकादशी की पूजा करने के लिए भगवान विष्णु के समक्ष चंदन, हल्दी और कुमकुम का तिलक लगाया जाता है और साथ ही मां लक्ष्मी के समक्ष श्रृंगार की वस्तुएं रखी जाती हैं. इसके बाद भगवान विष्णु को पीले रंग का भोग लगाया जाता है. फल, पंचामृत और तुलसी दल को भी भोग (Bhog)में शामिल किया जाता है. श्री हरि के मंत्रों का जाप किया जाता है और विष्णु आरती होती है. पूजा संपन्न होने के बाद सभी भक्तों में प्रसाद का वितरण होता है.
योगिनी एकादशी पर शुभ संयोगइस बार योगिनी एकादशी के दिन धृति योग बन रहा है. यह योग सुबह 11 बजकर 17 मिनट तक है और इसके बाद शूल योग का निर्माण होगा. त्रिपुष्कर योग भी इस दिन बनेगा. त्रिपुष्कर योग सुबह 8 बजकर 37 मिनट से अगले दिन 3 जुलाई 4 बजकर 40 मिनट तक रहने वाला है. आज सर्वाद्ध सिद्धि योग और शिववास योग भी बनने वाले हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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