इन 5 पवित्र स्थलों के द्वार महिलाओं के लिए आज भी है BAN
नई दिल्ली:
केरल के सबसे प्रसिद्ध और विवादित सबरीमाला मंदिर में औरतों के प्रेवश को लेकर सुनवाई हो चुकी है. अब इस मंदिर में हर उम्र की महिलाएं प्रवेश कर सकेंगी. अभी तक भगवान अयप्पा के इस द्वार में सिर्फ 15 साल से छोटी और 50 साल से बड़ी लड़कियों और महिलाओं का ही प्रवेश था. इसके पीछे मान्यता थी कि सबरीमाला के बैठे भगवान अयप्पा ब्रह्मचारी थे, इसीलिए माहवारी से हो रही महिलाओं को मंदिर में जाने की इज़ाजत नहीं. लेकिन आपको बता दें भारत का यह एकलौता मंदिर नहीं है जहां महिलाओं का जाना वर्जित था बल्कि और भी ऐसे भगवान के द्वार हैं जहां महिलाओं के साथ ऐसा ही व्यवहार किया जाता है. यहां जानिए भारत के पांच पवित्र स्थलों के बारे में.
यहां भक्तों को मिलता है रक्त में डूबे हुए कपड़े का प्रसाद, जानिए कामाख्या मंदिर की पूरी कहानी
1. पद्मनाभस्वामी मंदिर, केरल
सबरीमाला की ही तरह केरल का एक और मंदिर है जहां औरतों को जाने की मनाही है. यहां महिलाएं विष्णु भगवान की पूजा तो कर सकती है, लेकिन मंदिर कक्ष में प्रवेश नहीं कर सकती. वहीं, यहां महिलाओं को पूजा करने के लिए साड़ी पहननी पड़ती है. वो किसी और कपड़ों में यहां भगवान को नहीं पूज सकतीं. महिलाओं की ही तरह पुरुषों के लिए भी यहां ड्रेस कोड है, उन्हें मंदिर कक्ष में जाने के लिए धोती पहननी पड़ती है.
2. जैन मंदिर, गुना, मध्य प्रदेश
मंदिर परिसर के लोग यहां वेस्टर्न कपड़े पहने औरतों या लड़कियों को नहीं जाने देते. इस मंदिर में टॉप और जींस पूरी तरह से बैन है. यानी जो महिला वेस्टर्न कपड़ों में यहां जाती है, उसे बाहर ही रहना होगा.
3. कार्तिकेय मंदिर, पुष्कर
राजस्थान के पुष्कर के प्रसिद्ध कार्तिकेय मंदिर को लेकर मान्यता है कि जो भी महिलाएं यहां प्रवेश करेंगी वह शापित हो जाएंगी, उन्हें कभी भी आशीर्वाद नहीं लगेगा. लोगों में इसी अंधविश्वास के चलते यहां औरतें खुद ही नहीं जाती.
4. जामा मस्जिद, दिल्ली
हिंदुओं की ही तरह मुस्लिमों में भी कुछ ऐसी ही मान्यताएं प्रचलित हैं जो महिलाओं को प्रवेश से वंचित रखती हैं. दिल्ली का जामा मस्जिद भी उन्हीं में से एक है. यहां शाम की नमाज़ के बाद महिलाओं को अंदर नहीं जाने दिया जाता.
यहां भक्तों को मिलता है रक्त में डूबे हुए कपड़े का प्रसाद, जानिए कामाख्या मंदिर की पूरी कहानी
1. पद्मनाभस्वामी मंदिर, केरल
सबरीमाला की ही तरह केरल का एक और मंदिर है जहां औरतों को जाने की मनाही है. यहां महिलाएं विष्णु भगवान की पूजा तो कर सकती है, लेकिन मंदिर कक्ष में प्रवेश नहीं कर सकती. वहीं, यहां महिलाओं को पूजा करने के लिए साड़ी पहननी पड़ती है. वो किसी और कपड़ों में यहां भगवान को नहीं पूज सकतीं. महिलाओं की ही तरह पुरुषों के लिए भी यहां ड्रेस कोड है, उन्हें मंदिर कक्ष में जाने के लिए धोती पहननी पड़ती है.
2. जैन मंदिर, गुना, मध्य प्रदेश
मंदिर परिसर के लोग यहां वेस्टर्न कपड़े पहने औरतों या लड़कियों को नहीं जाने देते. इस मंदिर में टॉप और जींस पूरी तरह से बैन है. यानी जो महिला वेस्टर्न कपड़ों में यहां जाती है, उसे बाहर ही रहना होगा.
3. कार्तिकेय मंदिर, पुष्कर
राजस्थान के पुष्कर के प्रसिद्ध कार्तिकेय मंदिर को लेकर मान्यता है कि जो भी महिलाएं यहां प्रवेश करेंगी वह शापित हो जाएंगी, उन्हें कभी भी आशीर्वाद नहीं लगेगा. लोगों में इसी अंधविश्वास के चलते यहां औरतें खुद ही नहीं जाती.
4. जामा मस्जिद, दिल्ली
हिंदुओं की ही तरह मुस्लिमों में भी कुछ ऐसी ही मान्यताएं प्रचलित हैं जो महिलाओं को प्रवेश से वंचित रखती हैं. दिल्ली का जामा मस्जिद भी उन्हीं में से एक है. यहां शाम की नमाज़ के बाद महिलाओं को अंदर नहीं जाने दिया जाता.
सिर्फ मुस्लिम ही नहीं मुंबई की इस दरगाह को हर धर्म के लोग बहुत मानते हैं. लेकिन यहां सिर्फ महिलाओं को बाहर से ही दर्शन करने की इजाजत है, वो सिर्फ बाहर से ही हाजी अली दरगाह में अपनी मन्नत मांग सकती हैं.
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