Nariyal: किसी भी शुभ कार्य में नारियल (Coconut) का इस्तेमाल किया जाता है. फिर चाहे कलश (Kalash) की स्थापना में इस्तेमाल करना हो या किसी शुभ कार्य का आरंभ करना हो. हर प्रकार के पूजा-पाठ, हवन, यज्ञ, अनुष्ठान गृह प्रवेश, शादी-विवाह समेत अन्य शुभ कार्यों में नारियल (Coconut) का प्रयोग जरूर किया जाता है. धार्मिक मान्यता है कि नारियल के बिना कलश स्थापना नहीं की जाती है. आइए जानते हैं कि कलश के ऊपर नारियल क्यों रखा जाता है और इससे जुड़े कौन-कौन से उपाय किए जाते हैं.
कलश के ऊपर क्यों रखा जाता है नारियल | Why is Coconut kept on top of the Kalash
नारियल (Coconut) को श्रीफल कहा जाता है. मान्यता है कि नारियल भगवान गणेश (Lord Ganesh) का प्रतीक है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, नारियल का सफेद भाग और उसका जल चंद्र ग्रह को प्रतिनिधित्व करता है. साथ ही मान्यता है कि नारियल में त्रिदेव यानी ब्रह्मा, विष्णु और भगवान शिव का वास होता है. कहा जाता है कि कशल के ऊपर नारियल को रखने का मुख्य उद्देश्य देवताओं को आवाह्न करना है, ताकि संबंधित पूजा-पाठ या अनुष्ठान निर्विघ्न संपन्न हो सके. नारियल को कलश के ऊपर रखते समय इस बात का ध्यान रखा जाता है कि उसका मुख पूजा करने वाले की तरफ रहे. नारियल का मुछ उस ओर होता है, जहां से वो वृक्ष की टहनी से जुड़ा होता है.
नारियल से किए जाते हैं ये उपाय | Nariyal Ke Upay
घर की नकारात्मकता या बुरी शक्तियों को दूर करने के लिए नारियल के ऊपर काजल का टीका लगाया जाता है. इसके बाद उसे घर के सभी हिस्सों में घुमाकर किसी नदी में प्रवाहित कर दिया जाता है. मान्यता है कि इससे निगेटिव एनर्जी खत्म हो जाती है. साथ ही किसी बुरी शक्तियों का असर भी खत्म हो जाता है.
बिजनेस में तरक्की के लिए
अगर बिजनेस में बराबर आर्थिक नुकासान उठाना पड़ता है तो इसे दूर करने के लिए भी लोग नारियल से जुड़े उपाय करते हैं. मान्यता है कि किसी गुरुवार को पीले कपड़े में जलयुक्त नारियल को लपेटकर जनेऊ और मिठाई से साथ भगवान विष्णु को अर्पित करने से बिजनेस में तरक्की की संभावना प्रबल हो जाती है.
कर्ज से छुटकारा पाने के लिए
कर्ज के छुटकारा पाने के लिए भी नारियल से जुड़े उपाय किए जाते हैं. मान्यतानुसार, चमेली के तेल में सिंदूर मिलाकर नारियल पर एक स्वास्तिक का चिह्न बना दिया जाता है. इसे किसी मंगलवार के दिन हनुमान जी के चरणों में अर्पित कर दिया जाता है. साथ ही उन्हें गुड़-चने का भोग भी लगाया जाता है. इसके बाद ऋणमोचक मंगल स्तोत्र का पाठ किया जाता है. मान्यता है कि ऐसा करने से कर्ज से जुड़ी समस्या का समाधान मिल जाता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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