
हम 24 घंटों के एक दिन चक्र में 21,600 सांस लेते हैं, तो 21,600 बार ईश्वर का नाम जपना चाहिए.
Jap mala significance : हिन्दू धर्म में माला जाप करने का विशेष महत्व होता है. अकसर आपने घर के बड़े बुजुर्ग को माला जपते हुए देखा होगा. जिस माला से वो जाप करते हैं उसमें 108 मोतियां होती हैं. माना जाता है माला जपने से मानसिक शांति मिलती है, इससे इंद्रियां जागृत होती हैं और एकाग्रता को भी बेहतर करता है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है 104, 106 नहीं बल्कि 108 ही मोतियां जपमाला में क्यों होती है. इसी के बारे में हमे बता रहे हैं एस्ट्रोलॉजर डॉक्टर गौरव दीक्षित...
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- शास्त्रों के अनुसार माला में 108 दाने होने के कई कारण बताये गये हैं. कुछ लोग 27 दाने की माला से जाप करते हैं, कुछ 54 दाने की माला से जाप करते हैं और कोई 108 दाने से करते हैं. इसका अपना-अपना महत्व है.
- ज्योतिष शास्त्र में 12 राशि और 9 ग्रहों के गुणांक से 108 का अंक प्राप्त होता है. यह 108 अंक संर्पूण जगत की गतिविधि का प्रतिनिधित्व करता है. कई विद्वानों का मत है कि 100 दाने अपने लिए और 8 दाने गुरु या जिन्होंने मार्ग दिखाया उनके लिए, इस प्रकार 108 दाने जपे जाते हैं .
- हम 24 घंटों के एक दिन चक्र में 21,600 सांस लेते हैं, तो 21,600 बार ईश्वर का नाम जपना चाहिए. माला में 108 दाने होने से 200 माला जाप करने पर 21,600 मंत्र जप हो जाता है इसलिए माला में 108 दाने होते हैं.
- आपको बता दें कि माला जपने से आपसे रोग दूर रहता है, साथ ही इससे आपका मन भी शुद्ध होता है. माला का जाप मंत्रों के साथ करने से अलग-अलग देवी देवताओं का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है.
- वहीं, माला का जाप आपको आध्यात्मिक ऊर्जा की ओर ले जाता है. मध्यमा उंगली और अंगूठे से माला जपने से मस्तिष्क की तरंगे क्रियान्वित होती हैं. वहीं, आप माला का जाप करते समय मौन रहें. इस दौरान आप अपना पूरा ध्यान भगवान में लगाएं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)