Shetla ashtami 2023 :साल 2023 में शीतलाष्टमी का त्योहार 15 मार्च दिन गुरुवार को मनाई जाएगी, जिसे बसौड़ा और बसिऔरा के नाम से भी जाना जाता है. भारत के उत्तर राज्य राजस्थान, उत्तर प्रदेश और गुजरात जैसी जगहों पर शीतला अष्टमी का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. इस पर्व की खासियत ये है कि, इस दिन बासा खाना खाया जाता है और उसी का भोग लगाया जाता है. यह पर्व माता शीतला को समर्पित होता है. इस दिन मां शीतला की विधि-विधान से पूजा-आराधना की जाती है. मान्यता है कि, ऐसा करने से महामारी जैसी बीमारियों से छुटकारा मिल जाता है. इस बार शीतलाष्टमी की तारीख को लेकर लोगों में कंफ्यूजन है. हमारे इस लेख में जानिए शीतलाष्टमी व्रत की सही तारीख, पूजा-विधि और समय.
शीतला माता की पूजा मुहूर्त- इस साल 14 मार्च को शीतला सप्तमी और 15 को शीतला अष्टमी की पूजा की जाएगी. अगर आपके घर के आस-पास शीतला देवी का मंदिर है तो आप वहां जाकर उनकी पूजा अर्चना कर सकते हैं.
शीतला अष्टमी की पूजा विधि
- सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर नहाएं फिर पूजा की थाली तैयार करें. थाली में दही, पुआ, रोटी, बाजरा, सप्तमी को बने मीठे चावल, नमक पारे और मठरी रखें. दूसरी थाली में आटे से बना दीपक, रोली, वस्त्र, अक्षत, हल्दी, मोली, होली वाली बड़कुले की माला, सिक्के और मेहंदी रखें. दोनों थाली के साथ में लोटे में ठंडा पानी रखें. अब आप शीतला माता की पूजा करें माता को सभी चीज़े चढ़ाने के बाद खुद और घर से सभी सदस्यों को हल्दी का टीका लगाएं.
- अब हाथ जोड़कर माता से प्रार्थना करें और 'हे माता, मान लेना और शीली ठंडी रहना' कहें. घर में पूजा करने के बाद अब मंदिर में पूजा करें. मंदिर में पहले माता को जल चढ़ाएं. रोली और हल्दी के टीका करें. मेहंदी, मोली और वस्त्र अर्पित करें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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