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This Article is From May 29, 2025

क्‍या हर कोई ले सकता है दीक्षा, कौन सा मंत्र बताया जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने? जान‍िए यहां

हिन्दू धर्म में गुरु दीक्षा नहीं लेते हैं तब तक हमारे द्वारा किए गए दान, धर्म, अनुष्ठान का पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता है. यह भी माना जाता है अगर आपने गुरु दीक्षा नहीं ली तो मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति नहीं होती है. 

क्‍या हर कोई ले सकता है दीक्षा, कौन सा मंत्र बताया जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने? जान‍िए यहां
आपको बता दें कि गुरु दीक्षा 5 प्रकार की होती है - स्पर्श दीक्षा, दृग दीक्षा, मानस दीक्षा शक्ति, शाम्भवी, मांत्रिक दीक्षा.

Diksha process : बीते बुधवार को थल सेना के प्रमुख सीडीएस उपेंद्र द्विवेदी भगवान राम की तपोभूमि चित्रकूट पहुंचे जहां उन्होंने जगद्गुरु रामभद्राचार्य से मुलाकात कर आध्यात्मिक चर्चा की. इस दौरान सेना प्रमुख ने रामभद्राचार्य से दीक्षा भी ली. इस दौरान रामभद्राचार्य ने उपेंद्र द्विवेदी को राम मंत्र के साथ दीक्षा दी. आपको बता दें कि यह वही मंत्र है, जो माता सीता ने हनुमान जी को दी थी जिसके बाद बजरंग बली ने लंका पर विजय प्राप्त की थी. 

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क्या होती है गुरु दीक्षा

दीक्षा का अर्थ ही है किसी विशेष ज्ञान में दीक्षित होना. दीक्षा एक व्यक्ति को आध्यात्मिक पथ पर आगे बढ़ने के लिए तैयार करती है. इसमें गुरु अपने शिष्य को एक खास मंत्र देते हैं, जिसका पालन करना जरूरी होता है. यह आध्यात्मिक यात्रा की सबसे प्रारम्भिक सीढ़ी होती है.

आपको बता दें कि गुरु दीक्षा के बाद शिष्य गुरु की आध्यात्मिक सत्ता का उत्तराधिकारी बन जाता है. दीक्षा लेने के बाद गुरु और शिष्य के बीच आत्मा का संबंध बन जाता है. दोनों का एक दूसरे के प्रति उत्तरदायित्व बढ़ जाता है. गुरु की जिम्मेदारी होती है अपने शिष्य को आध्यात्मिकता की चरम सीमा पर पहुंचाना जबकि शिष्य का उत्तरदायित्व हर परिस्थिति में गुरु के  बताए गए नियमों का पालन करना.

आपको बता दें कि गुरु दीक्षा 5 प्रकार की होती है - स्पर्श दीक्षा, दृग दीक्षा, मानस दीक्षा शक्ति, शाम्भवी, मांत्रिक दीक्षा.

गुरु दीक्षा लेने की सही उम्र

गुरु दीक्षा लेने का सही समय 5 वर्ष बताया गया है. अगर इस उम्र में आप गुरु दीक्षा नहीं ले पाते, तो आप12 वर्ष तक गुरु दीक्षा ले सकते हैं.

गुरु दीक्षा का महत्व

हिन्दू धर्म में गुरु दीक्षा नहीं लेते हैं तब तक हमारे द्वारा किए गए दान, धर्म, अनुष्ठान का पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता है. यह भी माना जाता है अगर आपने गुरु दीक्षा नहीं ली तो मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति नहीं होती है. 

क्या गृहस्थ लोग दीक्षा ले सकते हैं

गुरु दीक्षा कोई भी ले सकता है. इसमें किसी तरह का भेद नहीं होता है. हां गृहस्थ जीवन वालों के लिए इसकी एक सीमा है क्योंकि आप गृहस्थ धर्म को छोड़ नहीं सकते हैं. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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