
श्रीनगर:
पुराने श्रीनगर शहर के मध्य में स्थित 400 साल से अधिक पुराने वैताल भैरव मंदिर को 27 साल बाद खोल दिया गया। इस मंदिर को खोले जाने पर कश्मीरी पंडितों के एक समूह ने भगवान भैरव की जयंती पर पूजा अर्चना की।
वर्ष 1990 में बड़ी संख्या में कश्मीरी पंडितों के घाटी छोड़कर निकल जाने के बाद रैनावाडी के जोगी लंकर क्षेत्र में स्थित इस मंदिर को बंद कर दिया गया था। भगवान भैरव की जयंती मनाने की परंपरा बहाल करने के लिए देश के कई हिस्सों से और विदेशों से कश्मीरी पंडित एकत्र हुए थे।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2012 में इस पुराने मंदिर के जीर्णोद्धार का काम शुरू हुआ था। मंदिर की दीवारों की मरम्मत कर नए दरवाजे लगाए गए थे और चहारदिवारी बनाई थी। माना जा रहा है कि इस मंदिर के खुलने से कश्मीरी पंडितों में एक नया विश्वास आएगा।
वर्ष 1990 में बड़ी संख्या में कश्मीरी पंडितों के घाटी छोड़कर निकल जाने के बाद रैनावाडी के जोगी लंकर क्षेत्र में स्थित इस मंदिर को बंद कर दिया गया था। भगवान भैरव की जयंती मनाने की परंपरा बहाल करने के लिए देश के कई हिस्सों से और विदेशों से कश्मीरी पंडित एकत्र हुए थे।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2012 में इस पुराने मंदिर के जीर्णोद्धार का काम शुरू हुआ था। मंदिर की दीवारों की मरम्मत कर नए दरवाजे लगाए गए थे और चहारदिवारी बनाई थी। माना जा रहा है कि इस मंदिर के खुलने से कश्मीरी पंडितों में एक नया विश्वास आएगा।
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