
Vat Purnima upay : हिन्दू धर्म में पूर्णिमा का विशेष महत्व होता है. इस दिन दान पुण्य करना लाभकारी माना जाता है. ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन विवाहित स्त्रियां वट सावित्री का व्रत करती हैं. यह उपवास पति की लंबी आयु और खुशहाल वैवाहिक जीवन के लिए रखा जाता है. इस दिन वट वृक्ष की विधि-विधान से पूजा करती हैं. माना जाता है बरगद के पेड़ में त्रिदेव (ब्रह्मा, विष्णु और महेश) का वास होता है. ऐसे में इसकी पूजा करने से इन तीनों देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है. साथ ही इस दिन आप कुछ विशेष उपाय भी कर सकती हैं, जो आपके वैवाहिक जीवन को खुशहाल रखेगा, तो बिना देर किए आइए जानते हैं...
वट पूर्णिमा के दिन क्या करें - what to do on Vat Purnima
वट पूर्णिमा के दिन विधिपूर्वक बरगद के पेड़ की पूजा अर्चना करने से आपकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी. इस दिन आप पेड़ पर कच्चा धागा बांधते हुए 7 बार परिक्रमा करें. इससे व्रत सफल माना जाता है और जीवन खुशियों से भरा रहता है.
इस दिन गरीब लोगों को दान जरूर करें. मान्यता है इससे आपकी आर्थिक स्थिति बेहतर होगी. यह आपके जीवन में सुख-शांति और समृद्धि लाने का काम करेगा.
अगर आपके पति हमेशा बीमार रहते हैं, तो फिर भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए. इस दिन आपको वट वृक्ष को जल अर्पित करना चाहिए. साथ ही आप वट वृक्ष में धागा लपेटते समय महामृत्युंजय मंत्र का जप करते रहना चाहिए. यह आपके व्रत को और फलदायी बनाता है.
इसके अलावा आप देसी घी का दीपक जलाकर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त कर सकते हैं. यह उपाय करने से आपकी मनचाही मुरादें पूरी हो सकती हैं.
वट पूर्णिमा पूजन का शुभ मुहूर्त - Auspicious time for Vat Purnima worship
- वट पूजा मुहूर्त: सुबह 8:52 से दोपहर 2:05 तक
- स्नान और दान का समय: सुबह 4:02 से 4:42 तक
- चंद्रोदय: शाम 6:45 बजे
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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