विज्ञापन

कब है वरूथिनी एकादशी, जानिए वैशाख माह में रखे जाने वाले इस व्रत की पूजा विधि और महत्व

Varuthini Ekadashi 2025: वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि पर वरूथिनी एकादशी का व्रत किया जाता है. इस व्रत को रखने और विधि विधान से भगवान विष्णु की पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है और परेशानियों से छुटकारा प्राप्त होता है.

कब है वरूथिनी एकादशी, जानिए वैशाख माह में रखे जाने वाले इस व्रत की पूजा विधि और महत्व
वरूथिनी एकादशी की पूजा में भगवान विष्णु को यह चीजें जरूर अर्पित करें.

Varuthini ekadashi 2025: हर माह में दोनों पक्षों की एकादशी तिथि भगवान विष्णु की पूजा अर्चना के लिए समर्पित मानी गई है. इस दिन भक्त एकादशी का व्रत रखकर विधि विधान से जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करते हैं. वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि पर वरूथिनी एकादशी का व्रत किया जाता है. मान्यता है कि इस व्रत को रखने और विधि विधान से भगवान विष्णु की पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है और परेशानियों से छुटकारा प्राप्त होता है. वरूथिनी एकादशी को विशेष रूप से भगवान विष्णु के लक्ष्मी नारायण स्वरूप की पूजा की जाती है. यह एकादशी व्रत महिलाओं के लिए विशेष महत्व रखती है. इसे परिवार की खुशहाली और धन-धान्य की प्राप्ति का प्रतीक माना गया है. आइए जानते हैं इस वर्ष कब रखा जाएगा वरूथिनी एकादशी का व्रत (Kab Hai Varuthini Ekadashi-2025) वरूथिनी एकादशी की पूजा विधि (Varuthini Ekadashi ki Puja Kaise Kare ) और महत्व (Varuthini Ekadashi Ka Mahatva Kya Hai).

कब किया जाएगा वट सावित्री का व्रत, जानें सही तारीख, पूजा विधि और व्रत कथा

कब है वरूथिनी एकादशी  (Date and Shubh Muhurat Varuthini Ekadashi 2025)

इस वर्ष वैशाख माह में कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 23 अप्रैल बुधवार को शाम 4 बजकर 43 मिनट से होगी और समापन 24 अप्रैल गुरुवार को दोपहर 2 बजकर 32 मिनट पर होगी. उदया तिथि मानने वाले 24 अप्रैल को व्रत रख सकते हैं. एकादशी के व्रत का पारण दूसरे दिन यानी द्वादशी तिथि को किया जाता है. इस बार वरूथिनी एकादशी के व्रत का पारण गुरुवार 25 अप्रैल को किया जाएगा और पारण का समय प्रात: काल 5 बजकर 46 मिनट से लेकर सुबह 8 बजकर 23 मिनट तक है. एकादशी व्रत के पारण के बाद विशेष चीजों के दान का बहुत महत्व है इसलिए इस दिन दान अवश्य करना चाहिए. मान्यता है कि द्वादशी तिथि दान करने से ही एकादशी व्रत का पूरा फल प्राप्त होता है.

वरूथिनी एकादशी को ऐसे करें पूजा ( Puja Vidhi of Varuthini Ekadashi)

  1. वरूथिनी एकादशी  का व्रत रखने के लिए प्रात: काल जल्दी उठकर स्नान करें.
  2. स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण कर सूर्य देव को अर्घ्य दें.
  3. एक चौकी पर लाल या पीले रंग का साफ कपड़ा बिछाकर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की मूर्ति की स्थापना करें.
  4. गंगाजल व पंचामृत से भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी का अभिषेक करें.
  5. भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी को तिलक लगाएं और पीले फूल अर्पित करें.
  6. देसी घी का दीपक जलाकर आरती करें.
  7. मंत्रों का जप और विष्णु चालीसा का पाठ करें.
  8. वरूथिनी एकादशी व्रत कथा का पाठ करें.
  9. फल और मिठाई का चीजों का भोग लगाएं।
  10. प्रसाद बाटें व स्वयं भी प्रसाद ग्रहण करें

वरूथिनी एकादशी  को लक्ष्मी-नारायण की पूजा (Significance of Varuthini Ekadashi)

भगवान विष्णु की पूजा अर्चना में एकादशी व्रतों का बहुत महत्व होता है. वरूथिनी एकादशी के दिन दिन भक्त उपवास रखकर विधि विधान से भगवान लक्ष्मी-नारायण की पूजा करते हैं. लक्ष्मी-नारायण की पूजा को सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाला माना गया है. वरूथिनी एकादशी का व्रत करने से जीवन में सुख और समृद्धि में वृद्धि होती है और सभी प्रकार के कष्टों का निवारण होता है. वरूथिनी एकादशी व्रत महिलाओं के लिए विशेष महत्व रखती है. इसे परिवार की खुशहाली और धन-धान्य की प्राप्ति का प्रतीक माना गया है.

Latest and Breaking News on NDTV

भगवान विष्णु अर्पित करें ये चीजें (Offer these things to Lord Vishnu)

वरूथिनी एकादशी की पूजा में भगवान विष्णु को कुछ चीजें जरूर अर्पित करनी चाहिए. कुछ खास चीजों को अर्पित करने से भगवान विष्णु की असीम कृपा प्राप्त होती है. पूजा में तुलसी के पत्ते, केला, पीले रंग की मिठाई, कमल के फूल और पीले रंग के वस्त्र जरूर अर्पित करें.

इन मंत्रों का करें पाठ (Recite these mantras)

1. शान्ताकारम् भुजगशयनम् पद्मनाभम् सुरेशम्

विश्वाधारम् गगनसदृशम् मेघवर्णम् शुभाङ्गम्।

लक्ष्मीकान्तम् कमलनयनम् योगिभिर्ध्यानगम्यम्

वन्दे विष्णुम् भवभयहरम् सर्वलोकैकनाथम्॥

2. दन्ताभये चक्र दरो दधानं, कराग्रगस्वर्णघटं त्रिनेत्रम्।

धृताब्जया लिंगितमब्धिपुत्रया, लक्ष्मी गणेशं कनकाभमीडे।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे: