Utpanna Ekadashi 2025 Vrat Remedies: मार्गशीर्ष मास के कृष्णपक्ष की एकादशी तिथि को उत्पन्ना एकादशी के नाम से जाना जाता है. साल भर में पड़ने वाली 24 एकादशी में उत्पन्ना एकादशी व्रत का विशेष महत्व माना गया है, मान्यता है कि इस दिन विधि-विधान से पूजा करने पर साधक पर श्री हरि की कृपा बरसती है और उसे सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है. जिस उत्पन्ना एकादशी व्रत का पुण्यफल साधक को सुख-सौभाग्य प्रदान करता है, वह 15 नवंबर 2025 को रखा जाएगा. भगवान लक्ष्मीनारायण की पूजा के लिए समर्पित इस व्रत वाले दिन आखिर किन उपायों को करने पर श्रीहरि की कृपा बरसेगी, आइए इसे विस्तार से जानते हैं.
- हिंदू मान्यता के अनुसार भगवान विष्णु को पीला रंग बहुत ज्यादा प्रिय है. ऐसे में एकादशी व्रत रखने वाले साधक को शुभता और सौभाग्य बढ़ाने वाले इस दिन पीले रंग के वस्त्र धारण करना चाहिए.
- भगवान विष्णु की पूजा में तुलसी का बहुत ज्यादा महत्व माना गया है. हिंदू मान्यता के अनुसार विष्णुप्रिया कहलाने वाली तुलसी जी के पावन पत्र के बगैर श्री हरि की पूजा अधूरी मानी जाती है. ऐसे में एकादशी का व्रत करने वाले साधक को इस दिन पूजा में विशेष रूप से तुलसी दल चढ़ाना चाहिए. हिंदू मान्यता है कि श्री हरि को तुलसी पत्र के साथ भोग लगाने पर वे शीघ्र ही प्रसन्न होकर अपनी कृपा बरसाते हैं.

- भगवान विष्णु की पूजा में शंख का बहुत ज्यादा महत्व माना गया हैं. श्री हरि का कोई भी स्वरूप हो उनकी पूजा में उन्हें शंख में जल भरकर विशेष रूप से स्नान कराया जाता है. भगवान विष्णु को शंख से दुग्धाभिषेक और जलाभिषेक अत्यंत ही प्रिय है. ऐसे में उत्पन्ना एकादशी की पूजा करते समय शंख से न सिर्फ भगवान विष्णु का जलाभिषेक करें बल्कि उसे बजाएं भी. मान्यता है कि श्री हरि की पूजा में शंख बजाने मात्र से ही तमाम तरह के दोष दूर हो जाते हैं.
- हिंदू धर्म में स्नान और दान का बहुत ज्यादा महत्व माना गया है. ऐसे में एकादशी का व्रत करने वाले साधक को उत्पन्ना एकादशी व्रत वाले दिन यदि संभव हो तो किसी जल तीर्थ जैसे गंगा, यमुना, गोदावरी आदि नदी पर जाकर स्नान करना चाहिए और किसी जरूरतमंद व्यक्ति को अपने सामर्थ्य के अनुसार अन्न, फल, वस्त्र आदि का दान करना चाहिए.
- हिंदू मान्यता के भगवान श्री विष्णु की पूजा का पूरा पुण्यफल पाने के लिए साधक को इस दिन गाय के दूध से बने घी का दीया जलाना चाहिए और पूजा के अंत में उनकी विधि-विधान से आरती अवश्यक करना चाहिए. मान्यता है कि इस उपाय को करने से साधक को भगवान विष्णु संग माता लक्ष्मी का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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