अंकित श्वेताभ: हिंदू धर्म में तुलसी (Tulsi) के पौधे को बहुत ही पवित्र माना गया है. हर घर में तुलसी माता की पूजा की जाती है. शास्त्रों में कहा गया है कि घर में तुलसी पूजा करने पर शुभ फल प्राप्त होते हैं और घर परिवार में फैली नकारात्मकता दूर हो जाती है. ऐसे में हिंदू घरों में तुलसी का पौधा अक्सर आंगन में देखा जाता है. लेकिन तुलसी के पौधे की पूजा के कुछ खास नियम है. यूं तो हर माह में तुलसी पूजा करनी चाहिए लेकिन अक्सर लोग खरमास के दौरान तुलसी पूजा (Tulsi Puja during Kharmas) से कतराने लगते हैं. कहा जाता है कि खरमास (Kharmas) में मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं, इसलिए इस माह में तुलसी की पूजा भी नहीं करनी चाहिए. चलिए जानते हैं कि खरमास में तुलसी की पूजा करनी चाहिए या नहीं और खरमास में तुलसी की पूजा करने पर क्या होता है.
खरमास में तुलसी पूजन करें या नहीं
लोगों के बीच मान्यता है कि खरमास में चूंकि मांगलिक और शुभ काम रोक दिए जाते हैं इसलिए तुलसी पूजा नहीं करनी चाहिए. लेकिन शास्त्रों में कहा गया है कि खरमास में मांगलिक कार्यक्रम रुकते हैं और धार्मिक कार्यक्रम किए जाते हैं. ऐसे में जब खरमास में ग्रह अपना अशुभ प्रभाव डालते हैं. ज्यादा से ज्यादा धार्मिक कार्यक्रम करके इनका अशुभ प्रभाव कम करने की कोशिश करनी चाहिए. इसलिए खरमास में तुलसी पूजन जरूर करना चाहिए. इसे धार्मिक कार्य की तरह देखना चाहिए और घर-परिवार में ग्रहों का अशुभ प्रभाव और नकारात्मकता दूर करने के लिए पूरे माह तुलसी का पूजन करना चाहिए.
खरमास में तुलसी पूजन का फल और नियम
शास्त्रों में कहा गया है कि खरमास में तुलसी का पूजन करने पर भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और जातक के घर में खुशहाली आती है. तुलसी पूजन से ग्रहों का अशुभ प्रभाव कम होता है और घर में सकारात्मकता आती है. खरमास में रोज तुलसी पूजन कर सकते हैं लेकिन इससे संबंधित एक खास नियम का ध्यान रखना चाहिए. खरमास में तुलसी की पूजा करते समय तुलसी के पत्तों को स्पर्श करने से बचना चाहिए. ऐसा करने पर तुलसी का पौधा दूषित माना जाता है. इसलिए आप अगर खरमास में तुलसी का पूजन कर रहे हैं तो दीपक बाती जरूर करें लेकिन तुलसी के पत्तों को हाथ ना लगाएं और ना ही इन पत्तों को तोड़ें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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