
Shukrvar Lakshmi puja : हिन्दू धर्म में हर देवी देवता की पूजा के लिए अलग-अलग दिन निर्धारित है. सोमवार भगवान शिव, मंगलवार हनुमान जी, बुधवार गणेश जी, गुरुवार भगवान विष्णु, शुक्रवार देवी लक्ष्मी, शनिवार शनि देव व बजरंगबली और रविवार सूर्य देव की पूजा अर्चना के लिए है. आज शुक्रवार है यानी देवी लक्ष्मी की पूजा अर्चना का दिन. ऐसे में हम आपको इस लेख में देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए कौन सा मंत्र कितनी बार पढ़ें और उनके क्या लाभ हैं, इस लेख में आपको बताने जा रहे हैं.
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देवी लक्ष्मी के किन मंत्रों का करें जप - Which mantras of Goddess Lakshmi should be chanted
1. ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं क्लीं श्री लक्ष्मी मम गृहे धन पूरये, धन पूरये, चिंताएं दूरये-दूरये स्वाहा:
इस मंत्र का जाप करने से मां लक्ष्मी का घर में वास होता है और धन धान्य आता है.
2. ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं सिद्ध लक्ष्म्यै नम:
इस मंत्र का जाप करके भी आप देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त कर सकते हैं. इसका भी आप 108 बार जप करें.
3. ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्मी नमः
यह सबसे शक्तिशाली मंत्र है, जिसका आपको 108 बार जप करना चाहिए.
4. ॐ महालक्ष्म्यै नमो नमः
यह देवी लक्ष्मी का सबसे सरल मंत्र हैं, जिसका आप आसानी से जाप कर सकते हैं.
5. या रक्ताम्बुजवासिनी विलासिनी चण्डांशु तेजस्विनी। या रक्ता रुधिराम्बरा हरिसखी या श्री मनोल्हादिनी॥
यह मंत्र देवी लक्ष्मी के विभिन्न रूपों का वर्णन करता है, जिससे उनकी कृपा प्राप्त होती है.
देवी लक्ष्मी के 12 नाम कौन-कौन से हैं - What are the 12 names of Goddess Lakshmi
इन मंत्रों के अलावा, देवी लक्ष्मी के 108 नामों का जाप भी सुख-समृद्धि के लिए किया जाता है, जो इस प्रकार हैं-
लक्ष्मी जी के 108 नाम
1. प्रकृती
2. विकृती
3. विद्या
4. सर्वभूतहितप्रदा
5. श्रद्धा
6. विभूति
7. सुरभि
8. परमात्मिका
9. वाचि
10. पद्मलया
11. पद्मा
12. शुचि
13. स्वाहा
14. स्वधा
15. सुधा
16. धन्या
17. हिरण्मयी
18. लक्ष्मी
19. नित्यपुष्टा
20. विभा
21. आदित्य
22. दित्य
23. दीपायै
24. वसुधा
25. वसुधारिणी
26. कमलसम्भवा
27. कान्ता
28. कामाक्षी
29. क्ष्रीरोधसंभवा, क्रोधसंभवा
30. अनुग्रहप्रदा
31. बुध्दि
32. अनघा
33. हरिवल्लभि
34. अशोका
35. अमृता
36. दीप्ता
37. लोकशोकविनाशि
38. धर्मनिलया
39. करुणा
40. लोकमात्रि
41. पद्मप्रिया
42. पद्महस्ता
43. पद्माक्ष्या
44. पद्मसुन्दरी
45. पद्मोद्भवा
46. पद्ममुखी
47. पद्मनाभाप्रिया
48. रमा
49. पद्ममालाधरा
50. देवी
51. पद्मिनी
52. पद्मगन्धिनी
53. पुण्यगन्धा
54. सुप्रसन्ना
55. प्रसादाभिमुखी
56. प्रभा
57. चन्द्रवदना
58. चन्द्रा
59. चन्द्रसहोदरी
60. चतुर्भुजा
61. चन्द्ररूपा
62. इन्दिरा
63. इन्दुशीतला
64. आह्लादजननी
65. पुष्टि
66. शिवा
67. शिवकरी
68. सत्या
69. विमला
70. विश्वजननी
71. तुष्टि
72. दारिद्र्यनाशिनी
73. प्रीतिपुष्करिणी
74. शान्ता
75. शुक्लमाल्यांबरा
76. श्री
77. भस्करि
78. बिल्वनिलया
79. वरारोहा
80. यशस्विनी
81. वसुन्धरा
82. उदारांगा
83. हरिणी
84. हेममालिनी
85. धनधान्यकी
86. सिध्दि
87. स्त्रैणसौम्या
88. शुभप्रदा
89. नृपवेश्मगतानन्दा
90. वरलक्ष्मी
91. वसुप्रदा
92. शुभा
93. हिरण्यप्राकारा
94. समुद्रतनया
95. जया
96. मंगला देवी
97. विष्णुवक्षस्स्थलस्थिता
98. विष्णुपत्नी
99. प्रसन्नाक्षी
100. नारायणसमाश्रिता
101. दारिद्र्यध्वंसिनी
102. देवी
103. सर्वोपद्रव वारिणी
104. नवदुर्गा
105. महाकाली
106. ब्रह्माविष्णुशिवात्मिका
107. त्रिकालज्ञानसम्पन्ना
108. भुवनेश्वरी
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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