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This Article is From May 11, 2016

सोमनाथ है शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में प्रथम, जानिए और कहां-कहां है ज्योतिर्लिंग मंदिर

सोमनाथ है शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में प्रथम, जानिए और कहां-कहां है ज्योतिर्लिंग मंदिर
सोमनाथ मन्दिर को 12 ज्योतिर्लिंगों में प्रथम माना गया है. (फाइल फोटो)
हिन्दू धर्मग्रंथों में शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों का उल्लेख मिलता है। जहां-जहां ये शिव ज्योतिर्लिंग स्थापित हैं, आज वहां भव्य शिव मंदिर बने हुए है, जिन पर हिन्दू धर्मावलम्बियों के विशेष आस्था है।

वर्तमान में भारत के प्रमुख तीर्थस्थान और धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में प्रसिद्ध इन 12 ज्योतिर्लिंगों का वर्णन शिव पुराण की 'रुद्रसंहिता' में में मिलता है। श्रद्धालु इस श्लोक को द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तुति मंत्र भी मानते हैं:

सौराष्ट्रे सोमनाथं च श्रीशैले मल्लिकार्जुनम्। उज्जयिन्यां महाकालमोंकारं परमेश्वरम्।।
केदारं हिमवत्पृष्ठे डाकियां भीमशंकरम्। वाराणस्यांच विश्वेशं त्र्यम्बकं गौतमीतटे।।
वैद्यनाथं चिताभूमौ नागेशं दारूकावने। सेतूबन्धे च रामेशं घुश्मेशंच शिवालये।।
द्वादशैतानि नामानि प्रातरूत्थाय यः पठेत्। सप्तजन्मकृतं पापं स्मरणेन विनश्यति।।
यं यं काममपेक्ष्यैव पठिष्यन्ति नरोत्तमाः। तस्य तस्य फलप्राप्तिर्भविष्यति न संशयः।।


यहां-यहां स्थित हैं ज्योतिर्लिंग मंदिर
सोमनाथ : यह प्रथम ज्योतिर्लिंग माना जाता है, जो गुजरात के सौराष्ट्र प्रदेश में अवस्थित है। इसे प्रभास तीर्थ भी कहते हैं।
मल्लिकार्जुन : यह आन्ध्र प्रदेश के कृष्णा जिले में श्रीशैल नामक पर्वत पर स्थित है। इसे दक्षिण का कैलाश भी माना गया है।
महाकालेश्वर : यह मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित है। इसे प्राचीनकाल में अवन्तिका या अवंती कहा जाता था।
ओंकारेश्वर : यह ज्योतिर्लिंग भी मध्य प्रदेश में है। राज्य के मालवा क्षेत्र में स्थित यह ज्योतिर्लिंग नर्मदा नदी के तट पर अवस्थित है।
केदारनाथ : यह शिव ज्योतिर्लिंग उत्तराखंड में हिमालय की चोटी पर विराजमान श्री केदारनाथजी या केदारेश्वर के नाम से विख्यात है। श्री केदार पर्वत शिखर से पूर्व में अलकनन्दा नदी के किनारे भगवान बद्रीनाथ का मन्दिर है।
भीमाशंकर : महाराष्ट्र में स्थित है यह ज्योतिर्लिंग भीमा नदी के किनारे सहयाद्रि पर्वत पर हैं। भीमा नदी इसी पर्वत से निकलती है।
विश्वनाथ : वाराणसी या काशी में विराजमान भूतभावन भगवान श्री विश्वनाथ या विश्वेश्वर महादेव को सातवां ज्योतिर्लिंग माना गया है।
त्र्यम्बक : भगवान शिव का यह आठवां ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के नासिक जिले में ब्रह्मगिरि के पास गोदावरी नदी के किनारे स्थापित है।
वैद्यनाथ : इसे बैजनाथ भी कहते हैं। यं नौवां ज्योतिर्लिंग है, जो झारखण्ड राज्य देवघर में स्थापित है। इस स्थान को चिताभूमि भी कहा गया है।
नागेश : भगवान शिव का यह दसवां ज्योतिर्लिंग बड़ौदा क्षेत्र में गोमती द्वारका के समीप है। इस स्थान को दारूकावन भी कहा जाता है। इस ज्योतिर्लिंग लेकर कुछ विवाद भी है। अनेक लोग दक्षिण हैदराबाद के औढ़ा ग्राम में स्थित शिवलिंग का नागेश्वर ज्योतिर्लिंग मानते हैं।
रामेश्वरम : श्री रामेश्वर एकादशवें ज्योतिर्लिंग है। इस तीर्थ को सेतुबन्ध तीर्थ कहा गया है। यह तमिलनाडु में समुद्र के किनारे स्थपित है।
घुश्मेश्वर : इस द्वादशवें ज्योतिर्लिंग को घृष्णेश्वर या घुसृणेश्वर के नाम से भे जाना जाता है। यह महाराष्ट्र राज्य में दौलताबाद से लगभग 18 किलोमीटर दूर बेरूलठ गांव के पास स्थित है।

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