
Surya Grahan 2025: आसमान में जब कभी सूर्य ग्रहण की खगोलीय घटना का जिक्र होता है तो उसे अक्सर एक अशुभ घटना माना जाता है. ऐसा उन पौराणिक घटनाओं और मान्यताओं के कारण होता है, जिसमें इसके दुष्प्रभाव की बात कही जाती है. यही कारण है कि जब कभी भी ग्रहण लगता है तो लोग उन तमाम नियमों को जानने और मानने की कोशिश करते हैं, जिसकी अनदेखी करने पर नुकसान की आशंका बनी रहती है. मसलन सूर्य ग्रहण को देखना चाहिए या नहीं? भोजन करना चाहिए या नहीं? लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इनमें से कितनी बातें सही हैं और कितनी केवल मान्यताओं पर टिकी हैं? आइए आज सूर्य ग्रहण से जुड़ी मान्यताओं के बारे में विस्तार से जानते हैं.

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सूर्य ग्रहण से जुड़ी पौराणिक मान्यता
पौराणिक मान्यता के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान जब अमृत निकलता तो उसे पाने के लिए देवता और दैत्य दोनों लड़ने लगे. तब भगवान विष्णु ने मोहिनी अवतार लेकर दोनों को आधा-आधा अमृत बांटने के लिए राजी किया. जब देवताओं को अमृत बांटा जा रहा था तो स्वरभानु ने वेश बदलकर उनकी टोली में बैठ गया और अमृत पी गया. तब भगवान विष्णु ने अपने चक्र से सका सिर काट दिया, लेकिन अमृत पीने के कारण अमर हो गया था, इसलिए उसका
राहु और धड़ केतु के नाम से जाना गया. चूंकि उसे अमृत पीते समय सूर्य और चंद्रमा ने पहचान कर भगवान विष्णु को बताया था, इसलिए राहु और केतु इन दोनों ग्रह को शत्रु मानते हैं और उनके ग्रहण का कारण बनते हैं.

दुनिया भर के प्रचलित मिथक
1. चीन: प्राचीन चीन में माना जाता था कि एक अजगर सूर्य को निगल जाता है, इसलिए लोग ड्रम बजाते और शोर मचाते थे ताकि उसे डरा कर भगा सकें.
2. नॉर्डिक पौराणिक कथाएं: नॉर्डिक मान्यताओं के अनुसार, एक विशाल भेड़िया सूर्य को निगलने की कोशिश करता है, जिससे ग्रहण होता है.
3. मैक्सिको: कुछ मैक्सिकन संस्कृतियों में यह अंधविश्वास था कि यदि कोई गर्भवती महिला ग्रहण को देखती है, तो उसके अजन्मे बच्चे के चेहरे पर भी निशान पड़ सकता है.
4. वियतनाम: एक दंतकथा के अनुसार, एक विशाल मेंढक सूर्य को निगल जाता है, और उसके स्वामी उसे सूर्य को उगलने के लिए मनाते हैं.
5. ईसाई धर्म से जुड़ी मान्यताएं
प्रलय का संकेत: ईसाइयों के लिए, सूर्य ग्रहण अक्सर प्रलय (समय का अंत) का संकेत या ईश्वर की ओर से एक चेतावनी माना जाता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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