Solar Eclipse 2019: सूर्य ग्रहण (Surya Grahan) 26 दिसंबर, 2019 (5 पौष, शक संवत 1941) को लगने जा रहा है. यह इस साल का अंतिम सूर्य ग्रहण होगा. जो भारतीय समयानुसार यह ग्रहण सुबह 8 बजे से शुरू होकर 10 बजकर 57 मिनट तक प्रभावी रहेगा. यह वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा यानी पूर्णग्रास नहीं बल्कि खंडग्रास सूर्य ग्रहण होगा. यह पूर्ण सूर्यग्रहण भारत समेत अन्य देशों में भी दिखाई देगा। हालांकि यह साल का तीसरा सूर्यग्रहण है, लेकिन पूर्ण सूर्यग्रहण के रूप में यह साल का पहला ग्रहण होगा. इससे पहले इस साल 6 जनवरी और 2 जुलाई को आंशिक सूर्यग्रहण (Solar Eclipse) लगा था. भारत में सूर्योदय (Surya Grahan) के बाद इस वलयाकार सूर्य ग्रहण को देश के दक्षिणी भाग में कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु के हिस्सों देखा जा सकेगा जबकि देश के अन्य हिस्सों में यह आंशिक सूर्य ग्रहण (Surya Grahan 2019) के रूप में दिखाई देगा.
Surya Grahan 2019: साल के आखिरी सूर्य ग्रहण के बारे में जानें सबकुछ...
क्या है इस सूर्य ग्रहण की खास बात
26 दिसंबर को पड़ने जा रहे सूर्यग्रहण की खास बात यह है कि इस बार ग्रहण से 12 घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाएगा. यानि 25 दिसंबर की शाम से ही सूतक काल प्रभावी हो जाएगा, जोकि 26 दिसंबर तक जारी रहेगी.
26 दिसंबर, 2019 को लगेगा साल का अंतिम सूर्य ग्रहण, जानें कब और कहां दिखेगा, रखें ध्यान
क्या होता है सूर्य ग्रहण?
हम इस बारे में अक्सर बात करते हैं कि अला दिन सूर्य ग्रहण होगा या फला दिन होगा. लेकिन क्या आप जानते है कि सूर्य ग्रहण किसे कहते हैं. असल में सूर्य और पृथ्वी के बीच में चंद्रमा के आ जाने की खगोलिया स्थिति से जब सूर्य का प्रकाश पृथ्वी पर नहीं पहुंच पाता है, तो इस स्थिति को ही सूर्य ग्रहण कहा जाता है.
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सूर्य ग्रहण का समय?
भारतीय मानक समय अनुसार आंशिक सूर्यग्रहण सुबह आठ बजे आरंभ होगा, जबकि वलयाकार सूर्यग्रहण की अवस्था सुबह 9.06 बजे शुरू होगी. सूर्य ग्रहण की वलयाकार अवस्था दोपहर 12 बजकर 29 मिनट पर समाप्त होगी, जबकि ग्रहण की आंशिक अवस्था दोपहर एक बजकर 36 मिनट पर समाप्त होगी.
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भारत में कहां-कहां दिखेगा सूर्य ग्रहण?
ग्रहण की वलयाकार प्रावस्था का संकीर्ण गलियारा देश के दक्षिणी हिस्से में कुछ स्थानों यथा कन्नानोर, कोयंबटूर, कोझीकोड, मदुरई, मंगलोर, ऊटी, तिरुचिरापल्ली इत्यादि से होकर गुजरेगा. भारत में वलयाकार सूर्य ग्रहण के समय सूर्य का करीब 93 फीसदी हिस्सा चांद से ढका रहेगा.
क्या करें क्या नहीं
ग्रहण काल में खान-पान, शोर, शुभ कार्य, पूजा-पाठ आदि करना निषेध होता है. गुरु मंत्र का जाप, किसी मंत्र की सिद्धी, रामायण, सूंदर कांड का पाठ, तंत्र सिद्धि ग्रहण काल में कर सकते हैं. ग्रहण के बाद पवित्र नदियों में स्नान, शुद्धिकरण करके दान देना चाहिए. इस समय में गर्भवती स्त्रियों को घर से बाहर नही निकलना चाहिए. ग्रहण काल में सूर्य से पराबैंगनी किरणे निकलती हैं, जो गर्भस्थ शिशु के लिए हानिकारक होती हैं.
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कैसा होगा 26 दिसंबर को लगने वाला सूर्य ग्रहण?
वलयाकार पथ से देश के उत्तर एवं दक्षिण की ओर बढ़ने पर आंशिक सूर्य ग्रहण की अवधि घटती जाएगी. आंशिक ग्रहण की अधिकतम प्रावस्था के समय चंद्रमा द्वारा सूर्य का आच्छादन बंगलोर में लगभग 90 फीसदी चेन्नई में 85 फीसदी, मुंबई में 79 फीसदी, कोलकाता में 45 फीसदी, दिल्ली में 45 फीसदी, पटना में 42 फीसदी, गुवाहाटी में 33 फीसदी, पोर्ट ब्लेयर में 70 फीसदी और सिलचर में 35 फीसदी रहेगा..
साल 2020 का पहला सूर्य ग्रहण कब होगा?
अगला सूर्य ग्रहण भारत में 21 जून, 2020 को दिखाई देगा. यह एक वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा. वलयाकार अवस्था का संकीर्ण पथ उत्तरी भारत से होकर गुजरेगा. देश के शेष भाग में यह आंशिक सूर्य ग्रहण के रूप में दिखाई पड़ेगा.
सूर्यग्रहण के दौरान इन बातों का रखें ध्यान:
1. सूर्य ग्रहण के दौरान अक्सर लोग नंगी आंखों के सूरज को देखते हैं. ऐसा न करें. यह आपकी आंखों को नुकसान पहुंचा सकता है.
2. अगर आपको सूर्यग्रहण देखना है तो इसके लिए सोलर फिल्टर चश्मे का इस्तेमाल करें.
3. सोलर फिल्टर चश्मे को सोलर-व्युइंग ग्लासेस, पर्सनल सोलर फिल्टर्स या आइक्लिप्स ग्लासेस भी कहा जाता है.
4. चश्मा न होने की स्थिति में सूर्य ग्रहण को न देखें.
5. सूर्यग्रहण के दौरान सूरज को पिनहोल, टेलेस्कोप या फिर दूरबीन से भी न देखें.
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