विज्ञापन

Shukra Pradosh Vrat: आज है शुक्र प्रदोष व्रत, जानें शिव पूजन विधि, शुभ मुहूर्त और महादेव के मंत्र 

Shukra Pradosh Vrat Puja: आज प्रदोष है और प्रदोष व्रत पर पूरे मनोभाव से भगवान शिव का पूजन किया जाता है. यहां जानिए आज शुक्र प्रदोष व्रत के दिन किस तरह भोलेनाथ की पूजा संपन्न की जा सकती है. 

Shukra Pradosh Vrat: आज है शुक्र प्रदोष व्रत, जानें शिव पूजन विधि, शुभ मुहूर्त और महादेव के मंत्र 
Pradosh Vrat Puja Vidhi: शुक्रवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष व्रत को शुक्र प्रदोष व्रत कहा जाता है. 

Pradosh Vrat 2025: हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत की विशेष धार्मिक मान्यता होती है. इस दिन पूरे मनोभाव से भगवान शिव का पूजन किया जाता है. हर महीने में कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत रखा जाता है. आज वैशाख माह में 25 अप्रैल, शुक्रवार के दिन कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि का प्रदोष व्रत रखा जा रहा है. शुक्रवार के दिन पड़ने के चलते इसे शुक्र प्रदोष व्रत (Shukra Pradosh Vrat) कहते हैं. इस दिन भगवान शिव की पूजा-आराधना करने पर घर में सुख-शांति आती है, खुशहाली आती है और आरोग्य का वरदान मिलता है. ऐसे में यहां जानिए किस मुहूर्त में प्रदोष व्रत की पूजा संपन्न की जा सकती है और किन मंत्रों के उच्चारण से भगवान शिव (Lord Shiva) प्रसन्न हो सकते हैं. 

Ketu Gochar: मई के महीने में होने जा रहा है केतु गोचर, जानिए किसे रहना होगा संभलकर और किसे मिलेगा लाभ

प्रदोष व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त | Pradosh Vrat Puja Shubh Muhurt 

प्रदोष व्रत की पूजा प्रदोष काल में संपन्न की जाती है. ऐसे में शिव पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 6 बजकर 53 मिनट से रात 9 बजकर 3 मिनट तक रहेगा. इस समयावधि में भोलेनाथ की पूजा करना बेहद शुभ होगा. 

प्रदोष व्रत की पूजा विधि 

प्रदोष व्रत के दिन सुबह-सवेरे उठकर स्नान पश्चात भगवान शिव का ध्यान लगाकर प्रदोष व्रत का संकल्प लिया जाता है. इसके बाद सुबह शिव मंदिर जाकर भगवान शिव के दर्शन किए जाते हैं या घर पर ही मंदिर में दीप जलाया जाता है लेकिन प्रदोष व्रत की असल पूजा शाम के समय प्रदोष काल में संपन्न होती है. प्रदोष काल में पूजा करते हुए शिवलिंग का गंगाजल से अभिषेक किया जाता है. इसके अलावा दही, शक्कर, दूध और शहद से भी अभिषेक होता है. भगवान शिव के समक्ष बेलपत्र, धतूरा, फल और फूल आदि अर्पित किए जाते हैं. फिर आरती की जाती है, मंत्रों का उच्चारण होता है और भोग लगाकर पूजा का समापन किया जाता है. भोलेनाथ को प्रदोष व्रत पर खील, हलवा, मालपुआ, पंचामृत और दही आदि का भोग लगया जा सकता है. 

प्रदोष व्रत के मंत्र 

ॐ ह्रीं ह्रौं नमः शिवाय:
ॐ नमो नीलकण्ठाय:
ॐ पार्वतीपतये नमः:
श्री शंकराय नम:
श्री महेश्वराय नम:
श्री सांबसदाशिवाय नम:
ओम पार्वतीपतये नम:

शिव गायत्री मंत्र:

ॐ तत्पुरुषाय विद्महे, महादेवाय धीमहि, तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्.

शिव स्तुति मंत्र

द: स्वप्नदु: शकुन दुर्गतिदौर्मनस्य, दुर्भिक्षदुर्व्यसन दुस्सहदुर्यशांसि।
उत्पाततापविषभीतिमसद्रहार्ति, व्याधीश्चनाशयतुमे जगतातमीशः।।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे: