Shubh yoga : कभी-कभी लाख प्रयास और परिश्रम के बाद भी सफलता हाथ नहीं लगती है. या यूं कहें पास से निकल जाती है. तब मन हताश और निराश होने लगता है कि आखिर कहां कमी रह गई. तो आपको बता दें कि इसमें आपका नहीं बल्कि योग का दोष होता है. अब आप सोचेंगे ये क्या होता है. असल में ज्योतिष शास्त्र (Astrologer) के अनुसार 12 राशियां तथा 27 योग होते हैं जिसमें से 18 शुभ और 9 अशुभ (Asubh yog) होते हैं. इन्हीं पर ही आपकी सफलता और असफलता निर्भर होती है. तो चलिए आज जान ही लेते हैं उनके बारे में ताकि अगली बार से आप इनको ध्यान में रखकर किसी चीज की शुरूआत करें.
शुभ और अशुभ योग की लिस्ट
प्रीति योग- यह योग शुभ होता है. अगर आप किसा नए कार्य जैसे- नई दुकान, भवन निर्माण, नौकरी आदि की शुरूआत करते हैं, तो जरूर सफलता मिलेगी. यह आपको समाज में मान-सम्मान दिलाने का कार्य करता है.
आयुष्मान योग- इस योग में किसी भी कार्य की शूरूआत अच्छी होती है. यह जरूर आपको सफलता दिलाती है.
सौभाग्य योग- इस योग में विवाह संबंधित कार्य सफलतापूर्वक संपन्न हो जाते हैं. तो आगे से मांगलिक कार्य इसी योग में शुरू करें.
शोभन योग- अगर आप किसी यात्रा पर निकलने की तैयारी कर रहे हैं तो यह योग अच्छा है. जिस उद्देश्य से आप यात्रा पर निकल रहे हैं वह जरूर पूरा होता है.
सुकर्मा योग- यह योग भी शुभ होता है. अगर आप इस योग में कोई कार्य करते हैं तो उत्तम होगा.
धृति योग- इस योग में किसी नए कार्य की शुरूआत स्थायी लाभ देने का काम करेगी. इससे आपका पूरा जीवन सुख में बीतेगा.
वृद्धि योग- जैसा का नाम से ही समझ आ गया होगा. इस योग में किसी भी कार्य की शुरूआत करने से बढ़त ही होती है.
ध्रुव योग- इस योग में अगर आप किसी निर्माण कार्य का आरंभ करते हैं तो वह अच्छे से संपन्न होगा. इसके अलावा अन्य कार्यों के लिए यह योग शुभ नहीं है.
हर्षण योग- इस योग में किए गए कार्य प्रसन्नता ही प्रदान करते हैं.
सिद्धि योग- इस योग में भी किसी कार्य की शुरूआत अच्छी मानी जाती है.
वरियान योग- यह भी शुभ होता है. लेकिन इसमें कर्म कांड जैसे कार्य नहीं किए जाने चाहिए.
शिव योग- इस योग में मंत्र जाप करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है.
सिद्ध योग- इस समय अगर आप कोई नया कोर्स करने की सोच रहे हैं नई स्किल तो एक अच्छा समय होगा.
साध्य योग- इस योग में किसी नए कौशल के सीखने की शुरूआत अच्छी हो सकती है.
शुभ योग- इस योग में किसी चीज की शुरूआत आपको प्रसिद्धि और यश दिलाती है.
शुक्ल योग- इस योग में गुरु की कृपा शिष्यों पर जरूर बरसती है.
ब्रह्म योग- अगर आपको लंबे समय से चले आ रहे किसी विवाद को सुलझाना हो तो यह समय उत्तम है.
इंद्र योग- यह योग भी जमीन-जायदाद से जुड़ी चीजें निपटाने के लिए अच्छा है.
अशुभ योग- विष्कुंभ योग, अतिगण्ड, शूल योग, गण्ड योग, व्याघात योग, वज्र योग, व्यतिपात योग, परिध योग और वैधृति योग में किसी चीज की शूरूआत ना करें. इससे असफलता ही हाथ लगेगी.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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