फोटो साभार: shrikhandmahadev.com
शिमला:
हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में स्थित पवित्र तीर्थस्थल श्रीखंड महादेव की 10 दिवसीय तीर्थयात्रा शुक्रवार से शुरू हो गई। इस बार उम्मीद जताई जा रही है कि करीब 20,000 तीर्थयात्री पवित्र श्रीखंड महादेव के दर्शन करेंगे। इस स्थल पर भगवान महादेव शिला से निर्मित विशालकाय शिवलिंग के रूप में विराजमान हैं।
उपायुक्त हंसराज चौहान ने आईएएनएस से कहा कि किसी भी तीर्थयात्री को चिकित्सा परीक्षण के बिना 17,600 फुट की ऊंचाई पर चढ़ाई की अनुमति नहीं होगी।
ऐसा पहली बार हो रहा है कि 30 किलोमीटर की इस यात्रा के लिए अपातकालीन स्थितियों से जूझने हेतु चार बचावकर्मियों और एक चिकित्सा दल को तीर्थयात्रियों के साथ तैनात किया गया है।
सुरक्षा के तौर पर तीर्थयात्रियों को इस यात्रा को शुरू करने से पहले हर प्रकार की जानकारी पुलिस के समक्ष दर्ज कराना जरूरी है। पिछले साल इस तीर्थयात्रा के दौरान छह श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी।
तीर्थयात्रियों ने शिमला से 150 किलोमीटर दूर जाओन से यात्रा शुरू कर दी है और इसका समापन श्रीखंड महादेव की चोटी पर होगा, जहां वे 72 फुट लंबे शिवलिंग के दर्शन करेंगे।
श्रद्धालुओं की यह यात्रा 25 जुलाई तक जारी रहेगी और अधिकारियों को इस यात्रा पर 20,000 भक्तों के शामिल होने की उम्मीद है।
श्रद्धालुओं का मानना है कि भगवान शिव श्रीखंड के रूप में इस स्थान पर ध्यान में बैठे रहते हैं और अपने 12 वर्ष के वनवास के दौरान पांडवों ने भी इस तीर्थस्थल के दर्शन किए थे।
उपायुक्त हंसराज चौहान ने आईएएनएस से कहा कि किसी भी तीर्थयात्री को चिकित्सा परीक्षण के बिना 17,600 फुट की ऊंचाई पर चढ़ाई की अनुमति नहीं होगी।
ऐसा पहली बार हो रहा है कि 30 किलोमीटर की इस यात्रा के लिए अपातकालीन स्थितियों से जूझने हेतु चार बचावकर्मियों और एक चिकित्सा दल को तीर्थयात्रियों के साथ तैनात किया गया है।
सुरक्षा के तौर पर तीर्थयात्रियों को इस यात्रा को शुरू करने से पहले हर प्रकार की जानकारी पुलिस के समक्ष दर्ज कराना जरूरी है। पिछले साल इस तीर्थयात्रा के दौरान छह श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी।
तीर्थयात्रियों ने शिमला से 150 किलोमीटर दूर जाओन से यात्रा शुरू कर दी है और इसका समापन श्रीखंड महादेव की चोटी पर होगा, जहां वे 72 फुट लंबे शिवलिंग के दर्शन करेंगे।
श्रद्धालुओं की यह यात्रा 25 जुलाई तक जारी रहेगी और अधिकारियों को इस यात्रा पर 20,000 भक्तों के शामिल होने की उम्मीद है।
श्रद्धालुओं का मानना है कि भगवान शिव श्रीखंड के रूप में इस स्थान पर ध्यान में बैठे रहते हैं और अपने 12 वर्ष के वनवास के दौरान पांडवों ने भी इस तीर्थस्थल के दर्शन किए थे।
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