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This Article is From Mar 29, 2024

कब मनाई जाएगी शीतला अष्टमी, जानें क्यों इस दिन लगाते हैं बासी खाने का भोग

Basoda 2024 : चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को शीतला अष्टमी का त्योहार मनाया जाता है. इस दिन देवी शीतला की पूजा अर्चना करने के साथ ही उन्हें बासी खाने का भोग लगाया जाता है.

कब मनाई जाएगी शीतला अष्टमी, जानें क्यों इस दिन लगाते हैं बासी खाने का भोग
चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को शीतला अष्टमी का त्योहार मनाया जाता है.

Sheetla Ashtami 2024: सनातन धर्म में शीतला सप्तमी और अष्टमी (Ashtami) का विशेष महत्व है. यह हर साल चैत्र मास (Chaitra Maas) की कृष्ण पक्ष की सप्तमी और अष्टमी तिथि को मनाई जाती है. इस साल ये त्योहार एक और दो अप्रैल को मनाया जाएगा. कहते हैं इस दिन दुर्गा और पार्वती मां की अवतार देवी शीतला (Goddess Sheetla) की पूजा अर्चना की जाती है और उन्हें बासी खाने (Stale Food) का भोग लगाया जाता है. इसलिए इसे बासोड़ा पर्व (basoda) भी कहते हैं. शीतला सप्तमी और अष्टमी पर शीतला माता की पूजा अर्चना करने से रोगों से मुक्ति मिलती है, लेकिन शीतला सप्तमी या अष्टमी के दिन माता को बासी खाने का भोग क्यों लगाया जाता है, आइए हम आपको बताते हैं.

शीतला माता को क्यों लगाया जाता है बासी भोजन का भोग

कहते हैं शीतला अष्टमी सर्दियों का मौसम खत्म होने का संकेत होता है. इसे इस मौसम का आखिरी दिन माना जाता है. ऐसे में शीतला माता को इस दिन बासी खाने का भोग लगाया जाता है और उसके बाद बासी खाना खाना उचित नहीं माना जाता है. कहते हैं शीतला माता को बासी खाने का भोग लगाने से वो प्रसन्न होती हैं और जातकों को निरोग रहने का आशीर्वाद देती हैं. गर्मियों के दौरान अधिकतर लोग बुखार, फुंसी, फोड़े, नेत्र रोग से परेशान रहते हैं, ऐसे में शीतला सप्तमी और अष्टमी की पूजा करने से इन बीमारियों से बचा जा सकता है.

ऐसे करें शीतला माता का पूजन

शीतला अष्टमी की पूजा के दौरान एक दिन पहले ही पानी में भिगोई हुई चने की दाल माता रानी को अर्पित की जाती है. एक दिन पहले ही हलवा, पूरी, दही वड़े, पकौड़ी, पूएं, रबड़ी जैसे भोग बनाकर रख लिए जाते हैं और अगले दिन सुबह महिलाएं सूर्योदय से पहले उठकर ठंडे पानी से स्नान करती हैं. इसके बाद शीतला माता को इन सभी चीजों का भोग लगाकर परिवार की सुख शांति और समृद्धि की कामना करती हैं. इस दिन शीतला माता को बासी भोग लगाने के साथ ही घर के सभी लोग भी बासी भोजन ही करते हैं. शीतला माता की कथा सुनने के बाद घर के मेन गेट पर हल्दी के हाथ के 5-5 छापे लगाते हैं. इसके बाद शीतला माता को अर्पित किए हुए जल को पूरे घर में छिड़का जाता है, ऐसा करने से शीतला माता की कृपा हमेशा बनी रहती है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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