Kanya Pujan 2020: देश भर में धूमधाम से नवरात्रि (Navratri 2020) का त्योहार मनाया जा रहा है. नवरात्रि के इन नौ दिनों में मां दुर्गा (Maa Durga) के अलग-अलग नौ स्वरूपों की भक्त आराधना करते हैं. खासतौर से उत्तर भारत में भक्त मां दुर्गा की विशेष कृपा पाने के लिए इन नौ दिनों में व्रत रखते हैं. व्रत के दौरान अष्टमी (Ashtami) यानी कि व्रत के आठवें दिन नौ कन्याओं का पूजन (Kanya Pujan) करने का विधान है. यही नहीं जो लोग पूरे नौ दिनों तक व्रत नहीं रख पाते हैं, वे भी अष्टमी या दुर्गाष्टमी (Durgashtami) का व्रत रखते हैं और कंजक पूजा (Kanjak Puja or Kanya Pujan) भी करते हैं. वहीं दूसरी तरफ बंगाल, ओडिशा, त्रिपुरा और मणिपुर में दुर्गा पूजा में अष्टमी का विशेष महत्व है. पंडालों में इस दिन दुर्गा की नौ शक्तियों का आह्वान किया जाता है. हम आपको बताने जा रहे हैं कि नवरात्रि में कन्या पूजन के दौरान हमें किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए और कैसे किया जाता है कन्या पूजन...
Navpatrika Puja 2020: सप्तमी के दिन की जाती है नवपत्रिका पूजा, जानें पूजा विधि और महत्व
अष्टमी के दिन कैसे करें कन्या पूजन ?
- कन्या पूजन के दिन सुबह-सवेरे स्नान कर भगवान गणेश और महागौरी की पूजा करें.
- कन्या पूजन के लिए दो साल से लेकर 10 साल तक की नौ कन्याओं और एक बालक को आमंत्रित करें. बता दें, कि बालक को बटुक भैरव के रूप में पूजा जाता है. मान्यता है कि भगवान शिव ने हर शक्ति पीठ में माता की सेवा के लिए बटुक भैरव को तैनात किया हुआ है. कहा जाता है कि अगर किसी शक्ति पीठ में मां के दर्शन के बाद भैरव के दर्शन न किए जाएं तो दर्शन अधूरे माने जाते हैं.
Festival Special Sweet Recipe | ड्राई फ्रूट खीर कैसे बनाएं
-कन्याओं की संख्या कम से कम सात या नौ होनी ही चाहिए. कन्याएं कम हों तो दो कन्याओं को भी भोजन कराया जा सकता है.
- ध्यान रहे कि कन्या पूजन से पहले घर में साफ-सफाई हो जानी चाहिए. कन्या रूपी माताओं को स्वच्छ परिवेश में ही बुलाना चाहिए.
- कन्याओं को माता रानी का रूप माना जाता है. ऐसे में उनके घर आने पर माता रानी के जयकारे लगाएं.
- सभी कन्याओं को बैठने के लिए आसन दें.
- फिर सभी कन्याओं के पैर धोएं.
- अब उन्हें रोली, कुमकुम और अक्षत का टीका लगाएं.
- इसके बाद उनके हाथ में मौली बाधें.
- अब सभी कन्याओं और बालक को घी का दीपक दिखाकर उनकी आरती उतारें.
- आरती के बाद सभी कन्याओं को यथाशक्ति भोग लगाएं. आमतौर पर कन्या पूजन के दिन कन्याओं को खाने के लिए पूरी, चना और हलवा दिया जाता है.
- भोजन के बाद कन्याओं को यथाशक्ति भेंट और उपहार दें.
- इसके बाद कन्याओं के पैर छूकर उन्हें विदा करें.
Navratri 2020 7th Day: कैसा है मां का सातवां स्वरूप? जानें मां कालरात्रि की पूजा विधि, मंत्र और भोग
धार्मिक ग्रन्थों के अनुसार, दो वर्षीय कन्याओं से दस वर्षीय कन्याएँ, कुमारी पूजा के लिये उपयुक्त होती है. एक वर्षीय कन्या को कुमारी पूजा में सम्मिलित नहीं करना चाहिये. 2 से 10 वर्ष की कन्याएं दुर्गा के विभिन्न रूपों का प्रतिनिधित्व करती हैं. इन पवित्र रूपों के नाम निम्नलिखित हैं-
Navratri 2020: जानिए, क्या है देवी दुर्गा द्वारा धारण किए गए विभिन्न शस्त्रों का महत्व ?
कुमारिका
त्रिमूर्ति
कल्याणी
रोहिणी
काली
चण्डिका
शाम्भवी
दुर्गा
भद्रा या सुभद्रा
इन बातों का रखें ध्यान-
धार्मिक ग्रन्थों के अनुसार, कुमारी पूजा के समय प्रत्येक कन्या को एक निश्चित समर्पित मन्त्र के साथ पूजा जाता है. कुमारी पूजा के लिये उपयुक्त कन्या, स्वस्थ तथा सभी प्रकार के रोगों व शारीरिक दोषों से मुक्त होनी चाहिये. माना जाता है कि, सभी प्रकार की इच्छाओं को पूरा करने के लिये ब्राह्मण कन्याओं का पूजन करना चाहिये. वैभव तथा प्रसिद्धि पाने के लिये क्षत्रिय कन्याएँ तथा धन व समृद्धि के लिये वैश्य कन्याओं का पूजन करना चाहिये. जिनके मन में पुत्र प्राप्ति की मनोकामना है, उनके लिये शूद्र कन्याओं के पूजन का सुझाव दिया गया है.
अष्टमी और महानवमी पर क्यों किया जाता है कंजक पूजन, इस बार कन्या भोज में बनाएं ये खास व्यंजन
नवरात्रि से जुड़ी बाकी खबरें...
Navratri 2020: नवरात्रि व्रत में कैसे बनाएं व्रत फ्रेंडली अरबी कढ़ी? यहां जानें विधि
कैसे करें महासप्तमी पर देवी कालरात्रि की आराधना, किस चीज का लगाएं भोग
Navratri 2020: जानें कब है महानवमी का शुभ मुहूर्त और किस तरह करें कंजक पूजन
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं