Chaitra Navratri second day 2024 : आज चैत्र नवरात्रि का दूसरा दिन है. इस दिन मां दुर्गा के दूसरे रूप यानि ब्रह्माचारिणी की पूजा की जाती है. यह ध्यान, ज्ञान और वैराग्य की देवी है. इनकी पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है. ब्रह्मचारिणी के स्वरूप की बात करें, तो इनके दाहिने हाथ में जप की माला और बाएं में कमंडल है. इनकी पूजा करने से सुख-समृद्धि आती है साथ ही, रोगों से मुक्ति मिलती है. ऐसे में इनकी पूजा कैसे करनी चाहिए आपको आर्टिकल में बताते हैं.
मां ब्रह्मचारिणी की पूजा ऐसे करें
नवरात्रि के दूसरे दिन सूर्योदय से पहले स्नान कर लें. इसके बाद स्वच्छ वस्त्र धारण कर लीजिए. इस दिन पूजा के समय आपको हरे रंग का वस्त्र धारण करना चाहिए. पूजा के समय पीले या सफेद रंग के कपड़े का इस्तेमाल करें. मां का अभिषेक पंचामृत से करें और रोली, अक्षत, चंदन, जैसी चीजों का भोग लगाएं. मां को गुड़हल और कमल का फूल बहुत पसंद है, उन्हें अर्पित करें.
मां ब्रह्मचारिणी मंत्र
- 'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं भ्रामचारिह्य नमः'
- 'या देवी सर्वभूतेषु माँ ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः '
- 'ह्रीं श्री अम्बिकायै नमः'
मां ब्रह्मचारिणी की आरती
जय अंबे ब्रह्माचारिणी माता ।
जय चतुरानन प्रिय सुख दाता।
ब्रह्मा जी के मन भाती हो।
ज्ञान सभी को सिखलाती हो।
ब्रह्मा मंत्र है जाप तुम्हारा ।
जिसको जपे सकल संसारा।
जय गायत्री वेद की माता ।
जो मन निस दिन तुम्हें ध्याता।
कमी कोई रहने न पाए।
कोई भी दुख सहने न पाए।
उसकी विरति रहे ठिकाने ।
जो तेरी महिमा को जाने ।
रुद्राक्ष की माला ले कर ।
जपे जो मंत्र श्रद्धा दे कर आलस छोड़ करे गुणगाना।
मां तुम उसको सुख पहुंचाना।
ब्रह्माचारिणी तेरो नाम।
पूर्ण करो सब मेरे काम।
भक्त तेरे चरणों का पुजारी।
रखना लाज मेरी महतारी।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
Chaitra Navratri 2024 | कब कर सकते हैं चैत्र नवरात्रि की कलश स्थापना | NDTV India
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