वहीं गले में नाग धारण करने के पीछे का कारण है कि नागलोक के राजा वासुकी शिव जी के बहुत बड़े भक्त थे.
Sawan 2023 : Sawan 2023 : सावन के पहले सोमवार का व्रत (sawan fast 2023) 10 जुलाई को रखा जाएगा. इस बार सावन का महीना दो महीने तक चलेगा. ऐसे में शिव भक्तों को और अधिक मौका मिलेगा, भगवान शिव की भक्ती में डूबने का. आज हम इस लेख में शिव जी की पूजा विधि (shiv puja vidhi) और महत्व के बारे में नहीं, बल्कि भोलेनाथ की उन 5 चीजों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे वे धारण करते हैं.
शिव जी से जुड़े रहस्य
- चंद्रमा धारण करने का कारण- चंद्रमा धारण करने के पीछे की मान्यता है कि शिव जी की 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक की स्थापना चंद्रदेव ने किया था. इसके कारण ही भोलेनाथ ने चंद्रमा को अपने मस्तक पर स्थान दिया है.
- वहीं गले में नाग धारण करने के पीछे का कारण है कि नागलोक के राजा वासुकी शिव जी के बहुत बड़े भक्त थे जिससे प्रसन्न होकर शिव जी ने उन्हें आभूषण के रूप में उन्हें स्थान दिया है. आपको बता दें कि नागलोक शिव जी का बड़ा उपासक माना जाता है.
- वहीं, हाथ में त्रिशूल धारण करने के पीछे की मान्यता है कि शिव जी को शस्त्र चलाने में महारथ हासिल है लेकिन उन्हें त्रिशूल सबसे ज्यादा पसंद है इसलिए वो अपने हाथ में हमेशा त्रिशूल लिए रहते हैं.
- डमरु धारण करने के पीछे की मान्यता है कि जब सृष्टि की रचना हुई थी तो भोलेनाथ ने डमरु 14 बार बजाया था और तांडव नृत्य किया था. शिव जी को संगीत का जनक भी माना जाता है.
- अंत में गंगा जी आती हैं. मान्यता है कि जब धरती पर गंगा जी अवतरित हुई थीं तो बहुत ज्यादा उग्र थीं जिसको संयमित करने के लिए शिव जी ने उन्हें अपनी जटाओं में धारण कर लिया था.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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