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This Article is From Jul 14, 2022

Sawan 2022: सावन में इस विधि से धारण करेंगे रुद्राक्ष तो प्रसन्न होंगे भोलेनाथ! शिव जी की कृपा से जीवन रहेगा खुशहाल

Sawan 2022: सावन में रुद्राक्ष धारण करना शुभ माना गया है. रुद्राक्ष धारण करने की खास विधि बताई गई है.

Sawan 2022: सावन में इस विधि से धारण करेंगे रुद्राक्ष तो प्रसन्न होंगे भोलेनाथ! शिव जी की कृपा से जीवन रहेगा खुशहाल
Sawan 2022: रुद्राक्ष भगवान शिव का प्रिय आभूषणों में से एक है.

Sawan 2022: सावन का पवित्र महीना 14 जुलाई से शुरू होने वाला है. धार्मिक मान्यता के अनुसार सावन (Sawan) का महीना भगवान शिव को बेहद प्रिय होता है. सावन में भगवान शिव (Lord Shiva) को प्रसन्न करने के लिए अनेक उपाय किए जाते हैं. भोलेनाथ की कृपा पाने के लिए भक्त कांवड़ यात्रा करते हैं तो कुछ सावन सोमवार (Sawan Somvar 2022) का व्रत करते हैं. वहीं कुछ भक्त सावन के पूरे महीने में सात्विक रहकर भगवान शिव की भक्ति करते हैं. मान्यतानुसार, सावन में रुद्राक्ष (Rudraksha) धारण करने से भी शिवजी (Lord Shiva) की कृपा प्राप्त होती है. कहा जाता है कि इसे धारण करने से जीवन में सकारात्मकता आती है. आइए जानते हैं कि सावन में रुद्राक्ष किस प्रकार धारण किया जाता है. साथ ही इसके धारण से फायदा बताया गया है. 

रुद्राक्ष का शिवजी से क्या है संबंध

रुद्राक्ष (Rudraksha) के बारे में धार्मिक मान्यता है कि इसमें शिवजी की वास होता है. यही कारण है कि शिवजी का रुद्राक्ष से अटूट संबंध होता है. पौराणिक कथाओं के मुताबिक रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव के आंसुओं से हुई है. यही कारण है कि रुद्राक्ष को शिव का स्वरूप माना गया है. कहा जाता है कि कई वर्षों तक ध्यान करने के बाद जब भगवान शिव में अपनी आंखें खोली तो धरती पर आंसू की बूदें गिरीं, जिससे रुद्राक्ष के पेड़ उत्पन्न हुए. रुद्र की आंखों से उत्पन्न होने के कारण इसे रुद्राक्ष कहा गया.

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रुद्राक्ष धारण करने की विधि | method of wearing rudraksha

रुद्राक्ष (Rudraksha) धारण करने के लिए सावन का सोमवार (Sawan Somvar) या शिवरात्रि बेहद खास होती है. रुद्राक्ष धारण करने से पहले इस लाल कपड़े के ऊपर पूजा स्थल रखा जाता है. इसके बाद उसे पंचामृत से स्नान कराया जाता है. साथ ही गंगाजल से भी स्नान कराया जाता है. इसके बाद शिवमंत्र का जाप किया जाता है. रुद्राक्ष को गले और हाथ में धारण किया जा सकता है. रुद्राक्ष की माला लाल धागे में होना शुभ माना गया है. कलाई के लिए 12, गले में धारण करने के लिए 36 और हृदय में रुद्राक्ष धारण कर रहे हैं तो मनकों की संख्या 108 होनी चाहिए. वहीं रुद्राक्ष धारण करने वाले व्यक्ति को सात्विक भोजन और सात्विक जीवन शैली का पालन करना आवश्यक होता है. 

रुद्राक्ष धारण करने के लाभ | Benefits of wearing Rudraksha

धार्मिक ग्रथों के अनुसार, रुद्राक्ष (Rudraksha) भगवान शिव (Lord Shiva) का प्रिय आभूषणों में से एक है. मान्यता है कि रुद्राक्ष धारण करने से व्यक्ति दीर्घायु होता है. साथ ही इसे धारण करने से मन को शांति मिलती है और मानसिक परेशानियों से छुटकारा मिलता है. हृदय रोग और अशुभ ग्रहों के प्रभाव से बचने के लिए रुद्राक्ष को धारण किया जाता है. इसके अलावा रुद्राक्ष व्यक्ति के तेज वृद्धि करता है. धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक रुद्राक्ष की पूजा करने, जप करने और इसे धारण करने से मनुष्य को पुण्य की प्राप्ति होती है. विशेष रूप से सावन के पावन महीने में रुद्राक्ष की आराधना करना और उसे धारण करना बेहद शुभ माना गया है.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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