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This Article is From Jul 29, 2022

Sawan 2022: सावन में शिवलिंग के सामने दीपक जलाना माना गया है बेहद शुभ फलदायी, जानें कैसे करें शिवजी की पूजा

Sawan 2022: सावन के महीने में शिवलिंग के सामने दीपक जलाना शुभ माना गया है. माना जाता है कि सावन सोमवार को ऐसा करने से शिवजी की विशेष कृपा प्राप्त होती है.

Sawan 2022: सावन में शिवलिंग के सामने दीपक जलाना माना गया है बेहद शुभ फलदायी, जानें कैसे करें शिवजी की पूजा
Sawan 2022: सावन में शिवलिंग के सामने दीपक जलाना शुभ माना गया है.

Sawan 2022 Shivling Puja: सावन का पवित्र महीना चल रहा है. आने वाले 01 अगस्त को सावन (Sawan) का तीसरा सोमवार (Somvar) है. इस दिन भक्त भगवान शिव की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं. साथ ही इस दिन शिवजी का जलाभिषेक, रूदाभिषेक इत्यादि भी किए जाते हैं. मान्यता है कि सावन (Sawan) में शिवजी का रूद्राभिषेक (Rudrabhishek) करने से अत्यधिक शुभ फल प्राप्त होता है. इसके अलावा सावन सोमवार (Sawan Somvar) को शिवलिंग के समक्ष दीपक जलाने का भी खास महत्व होता है. धार्मिक मान्यता है कि सावन में शिवजी के सामने दीपक जलाना शुभ है. इससे भोलेनाथ अत्यधिक प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तो को इच्छापूर्ति का आशीर्वाद देते हैं. आइए जानते हैं सावन में भगवान शिव के समक्ष किस प्रकार दीपक जलाया जाता है. 

सावन में किस तरह जलाएं शिवजी के समक्ष दीपक | Lighting a lamp in front of Shivling in Sawan

लिंग पुराण में शिवलिंग के समक्ष दीपक जलाने का महत्व और उसके मिलने वाले लाभ के बारे में बताया गया है. लिंग पुराण के अनुसार, सावन के महीने में जो भक्त शिवलिंग के सामने दीपक जालाते हैं, उन्हें अत्यंत शुभ फल प्राप्त होता है. साथ ही शिवजी का आशीर्वाद मिलता है. ऐसे में आप भी सावन में शिवलिंग के सामने शुद्ध घी का दीपक जला सकते हैं. इसके लिए सावन सोमवार (Sawan Somvar) का दिन सर्वोत्तम माना गया है. इस दिन शिवलिंग (Shivling) का जलाभिषेक करने के बाद शिव मंत्रों से भोलेनाथ की पूजा करें. इसके बाद शिवलिंग के समक्ष घी का दीपक जालाएं. फिर भोलेनाथ की आरती करें.

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कार्तिक मास में भी शिव मंदिर में दीपक जलाना होता है शुभ

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सावन के अलावा कार्तिक मास में भी शिव मंदिर में दीपक जलाना शुभ होता है. कहा जाता है कि जो भक्त सावन के अलावा कार्तिक मास में शिव मंदिर में भोलोनाथ के समक्ष दीपक जलाते हैं, उन्हें ब्रह्मलोक की प्राप्ति होती है. इसके अलावा जो भक्त रुद्र गायत्री या शिव पंचाक्षरी मंत्र से आसनादी अर्पण कर शिवलिंग को स्नान करा कर पूजा करते हैं. साथ ही दक्षिण भाग में ओम् के द्वारा ब्रह्मा की पूजा और गायत्री मंत्र से विष्णु की पूजा करते हैं. वे शिवलोक को प्राप्त करते हैं.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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