Tulsi Ki Mala Pehenne Ke Niyam : हिंदू धर्म में तुलसी (Tulsi) का बहुत महत्व है. मान्यता है कि भगवान विष्णु को तुलसी इतनी प्रिय हैं कि वे बगैर तुलसी दल के भोग में ग्रहण नहीं करते हैं. यही नहीं तुलसी की माला (Tulsi Mala) का भी विशेष महत्व है. अधिकतर विष्णु भक्त तुलसी की माला धारण करते हैं. इसे पहनने के कई लाभ हैं. वहीं, इसके कुछ नियम भी हैं. माला पहनने वालों को इन नियमों का जरूर पालन करना चाहिए. आइए जानते हैं तुलसी की माला धारण करने के क्या नियम हैं ( Rule of wearing Tulsi Mala ) ……..
तुलसी की माला धारण करने के नियम- Rule of wearing Tulsi Mala
इन जगहों पर जाना वर्जित
तुलसी की माला धारण करने वालों को श्मशान घाट पर जाना और अंतिम संस्कार में शामिल नहीं होना चाहिए. अगर इन जगहों पर जाना पड़े तो तुलसी की माला को पहले उतारकर गंगा जल में डुबोकर रखना चाहिए. वापस आने के बाद शुद्धता से नाखून काटने और बाल धोकर नहाने के बाद धारण करना चाहिए.
तामसिक भोजन की मनाही
तुलसी की माला पहनने वाले लोगों को तामसिक भोजन की मनाही होती है. इससे तुलसी का अपमान होता है. तुलसी की माला पहनने के बाद हमेशा सात्विक भोजन ही करना चाहिए. उन्हें मांस मदिरा से लेकर प्याज लहसुन नहीं खाना चाहिए. ऐसे लोगों को सिगरेट या धूम्रपान की दूसरी आदतों से भी दूर रहना चाहिए.
बार बार उतारने की मनाही
तुलसी की माला को बार-बार पहनना और उतरना नहीं चाहिए. अगर कभी किसी कारण से उतारना पड़े तो उसे गंगाजल से धोकर फिर धारण करना चाहिए.
मंत्र का जाप
जो लोग तुलसी की माला धारण करते हैं, उन्हें हर दिन भगवान विष्णु के मंत्र का जाप करना चाहिए.
दाएं हाथ में करें धारण
कुछ लोग तुलसी की माला को हाथों में धारण करते हैं. जिन लोगों को तुलसी की माला गले में पहनने में परेशानी होती है उन्हें अपने दाएं हाथ में तुलसी की माला धारण करनी चाहिए. इन नियमों का ध्यान रखकर तुलसी की माला धारण करने से कई लाभ हो सकते हैं.
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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