Rohini vrat 2022 : जैन समुदाय द्वारा मनाए जाने वाला वैशाख रोहिणी व्रत (Vaishakh rohini vrat-2022) इस बार 3 मई 2022 को रखा जाएगा. इस व्रत को महिला एवं पुरुष दोनों ही रखते हैं, हालांकि स्त्रियां अनिवार्य रूप से रखती हैं.आपको बता दें कि व्रत का पारण रोहिणी नक्षत्र (rohini nakshtr) के समाप्त होने पर किया जाता है और इस व्रत को करने का कारण मार्गशीर्ष नक्षत्र का शुरू होना होता है. तो चलिए जानते हैं व्रत से जुड़ी और जरूरी बातें इस लेख में.
वैशाख रोहिणी व्रत शुभ मुहूर्तयह व्रत 3 मई को रखा जाएगा. यह उपवास 3 मई 2022 को 00:34 बजे शुरू होगा, जो अगले दिन 4 मई को 03ः18 मिनट पर समाप्त होगा.
रोहिणी व्रत पूजा विधिइस व्रत के लिए ब्रह्म मुहूर्त में उठकर घर की सफाई भक्त करते हैं. उसके बाद नहाने वाले पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान किया जाता है. फिर व्रत का संकल्प करते हैं और भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. फलाहार सूर्यास्त होने से पहले ही भक्तगण कर लेते हैं, क्योंकि इसके बाद किसी प्रकार का भोजन रोहिणी व्रत नियम के खिलाफ माना गया है.
रोहिणी व्रत का महत्वऐसी मान्यता है कि रोहिणी व्रत करने से सभी प्रकार के विकार दूर होते हैं. घर में सुख और दिमाग में भी शांति बनी रहती है. इससे सकारात्मकता आती है जीवन में और दांपत्य जीवन भी सुखमय होता है.
रोहिणी व्रत कथारोहिणी व्रत रखने के पीछे कई पौराणिक कथाएं हैं जिसमें से एक है- चंपापुरी नामक एक नगर था जहां राजा माधवा अपनी रानी लक्ष्मीपति के साथ राज करते थे. दोनों के 7 पुत्र एवं 1 पुत्री थी जिसका नाम रोहिणी था. एक बार राजा ने एक ज्ञानी से अपनी बेटी के विवाह के संबंध में पूछा तो उन्होंने बताया कि हस्तिनापुर के राजकुमार अशोक के साथ विवाह होगा. यह सुनकर राजा ने स्वयंवर का आयोजन किया जिसमें कन्या रोहिणी का राजकुमार अशोक के साथ विवाह संपन्न हुआ.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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